acn18.com रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूदा सरकार का आखिरी बजट आज 12.30 बजे पेश करेंगे। सीएम विधानसभा के लिए रवाना हो गए हैं। अभी सदन में प्रश्नकाल के बीच सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा जारी है। इस बार का बजट सबसे बड़ा बजट माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार इसे ‘भरोसे का बजट’ नाम से पेश कर रही है। चुनावी साल कोई नया कर लागू नहीं होने और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की उम्मीद जताई गई है।
शनिवार शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि, आने वाला बजट सपनों को नई हकीकत देने वाला होगा। ये आसमान की नहीं बल्कि जमीन की बात करेगा। बहुत अधिक लोक लुभावन स्कीमें न होकर, धरातल पर असर करने वाली बातें अधिक होंगी। कर्मचारी, किसान, महिलाएं और प्रदेश के शिक्षित युवाओं के हिस्से क्या कुछ आता है ये मुख्यमंत्री का पिटारा खुलने के बाद साफ होगा।
चुनावी साल के बजट में क्या है उम्मीदें…
- गरीबों के लिए आवास से जुड़ी कोई सौगात
- किसानों की लागत कम हो सके, ऐसी छूट
- कोई नया कर न हो, प्रदेश स्तर के टैक्सेशन में राहत
- स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार, जैसे नए अस्पताल, हेल्थ स्कीम के लिए राशि
- शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूल- कॉलेजों की सुविधा
- कर्मचारियों को नियमित किए जाने पर फैसला
- इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर
अब जानिए पिछले साल के बजट में क्या रहा खास
- साल 2022 का बजट 1 लाख 04 हजार 603 करोड़ रुपए का था।
- सबसे बड़ा सरकारी ऐलान पुरानी पेंशन योजना बहाल करना था। मूल निवासी छात्रों को व्यापम और PSC की परीक्षा में परीक्षा शुल्क से छूट दी गई थी।
- विधायकों की निधि 2 से बढ़ाकर 4 करोड़ की गई थी।
- खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने राजीव युवा मितान क्लब के लिए 75 करोड़ का प्रावधान किया गया था।
- 32 हिंदी माध्यम स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाने का एलान हुआ था।
विधानसभा अपडेट्स:-
PM आवास पर प्रश्नकाल शुरू होते ही हंगामा बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर और मंत्री शिव डहरिया के बीच जमकर बहस हुई। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इसके बाद मंत्री डहरिया ने कहा, PM आवास पर सरकार ने अपने हिस्से का काम किया। भारत सरकार की ओर से फंड नहीं मिलने की वजह से काम रुका और भुगतान नहीं हो सके हैं।
कब शुरू हुआ छत्तीसगढ़ का बजट
प्रदेश के बजट की कहानी शुरू हुई थी 2001 से। तत्कालीन वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने करीब 1300 करोड़ रुपए का अंतरिम बजट पेश किया था। इसके बाद 2001-02 के लिए आम बजट आया। उसका आकार करीब 5 हजार 700 करोड़ रुपए था।
दैनिक भास्कर को दी जानकारी में पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी बताते हैं, वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने विपरीत परिस्थितियों में भी कड़ाई से वित्तीय अनुशासन का पालन किया था। इसकी वजह से सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं बढ़ा। जब कांग्रेस सरकार ने अपना कामकाज पूरा किया ताे राज्य में पैसा सरप्लस था। राज्य पर कोई कर्ज नहीं था।
पिछले 20 सालों के बजट में सबसे बड़ा उछाल 2003-04 के बजट में आया। कांग्रेस की पहली सरकार के आखिरी बजट में 9 हजार 270 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी। यह पिछले बजट से 35% अधिक राशि थी। उसके बाद 2011-12 और 2014-15 में 24-24 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। इसकी वजह से आखिरी एक दशक में बजट का आकार 24 हजार करोड़ से 96 हजार करोड़ तक पहुंच गया। अब बजट 1 लाख करोड़ से अधिक का है। अनुमान है कि 2024 में ये डेढ़ लाख करोड़ तक जा सकता है।