acn18.com नई दिल्ली / 30 जनवरी साल 1948 यहीं वो दिन था, जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी। नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को तीन गोलियां मारकर हत्या की थी। आज बापू की 75वीं पुण्यतिथि है। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रुप में भी मनाया जाता है।
‘हे राम’ थे बापू के अंतिम शब्द
ऐसा माना जाता है कि जब महात्मा गांधी को गोली मारी गई थी, तब उनके मुख से निकलने वाले अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे। बता दें कि महात्मा गांधी की जान लेने वाले नाथूराम गोडसे और इस अपराध की साजिश में उनका साथ देने वाले नारायण दत्तात्रेय आप्टे को फांसी दी गई। 15 नवंबर 1949 को उन्हें फांसी दे दी गई थी।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मैं बापू को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करता हूं और उनके गहन विचारों को याद करता हूं। मैं उन सभी को भी श्रद्धांजलि देता हूं, जो हमारे देश की सेवा में शहीद हुए हैं। उनके बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जाएगा और विकसित भारत के लिए काम करने के हमारे संकल्प को मजबूत करते रहेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया बापू को नमन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बापू को याद किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि स्वदेशी और स्वावलंबन के मार्ग पर चलकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की प्रेरणा देने वाले महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। आजादी के अमृतकाल में पूज्य बापू के स्वच्छता, स्वदेशी और स्वभाषा के विचारों को अपनाकर उन पर चलाना ही गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
‘शांतिपूर्ण आंदोलन, प्रेम-भाईचारा हमें बापू से विरासत में मिला’
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बापू को याद किया। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट किया कि भारत के महान आदर्शों से पूरी दुनिया को रूबरू कराने वाले एवं सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। शांतिपूर्ण आंदोलन, प्रेम-भाईचारा व सत्याग्रह जैसी विरासत हमें बापू से ही मिली हैं, जिसकी राह पर आगे बढ़ हम भारत को जोड़ रहे हैं।
गुजरात के पोरबंदर में हुआ था महात्मा गांधी का जन्म
दरअसल, मोहन दास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गांधी ने इंग्लैंड में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। हालांकि, देश में हो रहे अत्याचारों को देख वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए। उन्होंने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, देश के आजाद होने के कुछ ही महीनों बाद उनकी हत्या कर दी गई।