Acn18.com/छत्तीसगढ़ में बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में सबसे छोटे प्रजाति का हिरण मिला है। फॉरेस्ट के कैमरे में यह ट्रैप हुआ है। बताया जा रहा है कि, इस प्रजाति का नाम माउस डियत है। इसका वजन लगभग 3 किलो का है। लंबाई 57.5 सेंटीमीटर होती है। फॉरेस्ट के अफसरों ने बताया, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार इसे ट्रैप किया गया है। इससे पहले इसी प्रजाति का एक हिरण बैलाडीला की पहाड़ियों में मिला था।
भारत में पाए जाने वाले हिरणों की 12 प्रजातियों में से माउस डियर विश्व में सबसे छोटे हिरण समूह में से एक है। भारतीय माउस डियर (Mosechiola indica) विशेष रूप से घने झाड़ियों वाले, नमी वाले जंगलों में होते हैं। माउस डियर में चूहे- सुअर और हिरण के रूप और आकार का मिश्रण दिखाई देता है। और बिना सींग वाले हिरण का एकमात्र समूह है।
मुख्य रूप से दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के वनों में माउस डियर की उपस्थिति दर्ज हुई है। फॉरेस्ट के अफसरों की मानें तो जंगल में लगने वाली आग, बढ़ते हुए अतिक्रमण और शिकार के दबाव से भारतीय माउस डियर की आबादी को शायद गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में इन प्रजातियों को बचाने की जरूरत है।
अफसर बोले- वन्य जीवों के लिए उपयुक्त है कांगेर घाटी
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ऐसे वन्यजीव के लिए उपयुक्त है। राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लगातार कैंपेन चला रहा है।
सबसे छोटे प्रजाति वाला है हिरण
पर्यावरण प्रेमी अमित मिश्रा ने बताया, अत्यंत दुर्लभ प्रजाति का हिरण, इंडियन माउस डियर (इंडियन स्पॉटेड शेवरोटेन) जिसका वैज्ञानिक नाम मोसियोला इंडिका है। ये विश्व की सबसे छोटी हिरण की प्रजाति मानी जाती है। इसकी लंबाई 57.5cm होती है। वजन सिर्फ 3 किलोग्राम के आस-पास होता है। ये रात में निकलने वाला जीव है। बहुत मुश्किल से ही देखने को मिलता है। यहां तक की कैमरा ट्रैप में भी आज तक इसकी कम ही तस्वीरें कैद हो पाईं हैं। जंगल में भी इसे देख पाना आसान नहीं होता है।