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पीएम की सराहना पाने वाला व्यक्ति प्रशासनिक उदासीनता का शिकार : नाली के बदबूदार दुर्गंध को खाना बनाने के गैस में कर चुका है तब्दील ,अपनी जमीन पाने कर रहा अनशन,प्रशासन ने भिजवाया अस्पताल

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acn18.com कोरबा/ अपने अनुसंधन के बलबूते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना पाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्याम राव की हालत किस कदर खराब हो चली है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है अपनी जमीन को पाने उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। टीपी नगर स्थित चिमनीभट्टा में उनकी 6 डिस्मिल जमीन को दलालों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर औने-पौने दम पर बेच दिया। काफी संघर्ष करने के बाद भी जब जमीन वापस नहीं मिली तब श्याम राव तानसेन चैक पर आमरण अनशन पर बैठ गया प्रशासन को जब इस बात की भनक लगी तब देर रात उसे उठाकर जिला अस्पताल में उन्हें लावारिस हालत में छोड़ दिया।

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तस्वीर में नजर आ रहा यह व्यक्ति कोई आम इंसान नहीं है। साधारण से दिखने वाले इस व्यक्ति का नाम श्याम राव है जिसने अपने अनुसंधान के बलबूते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से प्रशंशा पा चुके हैं लेकिन आज इनकी हालत कितनी खराब हो गई है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि अपने हक की जमीन पाने के लिए इन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। प्रशासन को जब इस बात की भनग लगी तब देर रात इन्हें आनन-फानन में मौके से उठाकर जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जहां इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। रायपुर निवासी श्यामराव ने वर्ष 1985 में टीपी नगर के चिमनीभट्टा में 6 डिसमिल जमीन ली थी जिसे जमीन दलालों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बेच डाली। आर्थिक तंगहाली से परेशान अपनी जमीन वापस पाने काफी संघर्ष किया लेकिन जब बात नहीं बनी तब मजबूर होकर उसे आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।

मैकेनिकल काॅन्ट्रेक्टर के रुप में काम करने वाले श्याम राव ने करीब पांच साल तक अनुसंधान कर नाली के बदबूदार दुर्गंध को खाना बनाने वाले मिथेन गैस के रुप में परिवर्तित करने का चमत्कार किया था। तब इनके आविष्कार की खूब प्रशंशा हुई थी। दिल्ली के विज्ञान भवन में श्याम राव को आमंत्रित भी किया गया था जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन मिनट तक अपने अनुसंधान के बारे में बताया। इतना ही नहीं वहां श्यामराव ने देश के जाने माने वैज्ञनिकों के सामने सात मिनट तक भाषण भी दिया था। उसके बाद ये अपने और भी कई प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुट गए लेकिन आर्थिक परेशानियों के कारण न तो ये अपना प्रोजेक्ट पूरा कर पा रहे हैं और न ही बेहतर जीवन जी पा रही है। वहीं रही सही कसर प्रशासनिक अव्यवस्था ने पूरी कर दी है।

दिल के मरीज श्याम राव को दो बार अटैक भी आ चुका है। ओपन हार्ट सर्जरी के बाद श्याम अपनी जमीन को बेचकर बेहतर जीवन जीना चाहते थे लेकिन अधिकारियों की मानमानी के कारण यह रसातल में पहुंच गए है। अपना हक मांगने के लिए अनशन पर बैठे प्रशासनिक अधिकारियों ने इन्हें जबरन अस्पताल में ठूंस दिया। बहरहाल श्याम राव की जमीन वापस मिलती है,कि नहीं यह देखने वाली बात होगी।

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