हाथी ने बुजुर्ग को पटक-पटककर कुचला:हाथ-पैर, सिर, धड़ सब अलग-अलग बिखरे मिले; वन विभाग ने गांववालों को किया अलर्ट

acn18.com गरियाबंद/ गरियाबंद जिले के उदंती सीतानदी अभयारण्य इलाके में हाथी ने 67 वर्षीय किसान बुधराम को कुचलकर मार डाला। बफर जोन में तोरेंगा रेंज के अड़गड़ी में मंगलवार देर रात हाथियों ने अपने खेत की रखवाली कर रहे किसान को कुचल दिया। जब तक किसान भागने की कोशिश करता, तब तक हाथी ने उसे सूंड से उठाकर पटक दिया था, जिसके कारण वो भाग नहीं सका।

किसान बुधराम को हाथी ने पटक-पटककर और फिर कुचलकर मार डाला। हाथियों ने खेत में बनी झोंपड़ी को भी तहस-नहस कर दिया। किसान इसी झोंपड़ी में सोया हुआ था, जब हाथियों ने उस पर हमला किया। झोंपड़ी को तोड़कर हाथी ने किसान को भी कुचल दिया। मौके पर ही बुधराम की मौत हो गई। हाथियों ने उसे इस कदर कुचल दिया कि उसके हाथ, पैर, सिर, धड़ सब अलग-अलग बिखरे हुए मिले।

हाथियों का झुंड।
हाथियों का झुंड।

जब बुधवार सुबह वापस घर नहीं लौटा, तब जाकर परिजनों ने खेत में उसे देखा। वहां उसका शव क्षत-विक्षत हालत में पड़ा हुआ था। परिजनों ने बुजुर्ग के लाश के टुकड़े जब इधर-उधर पड़े हुए देखे, तो उनके रोंगटे खड़े हो गए। इसके बाद परिजनों ने वन विभाग और पुलिस को सूचना दी। मौके पर वन विभाग के कर्मचारी पहुंचे और मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता दी।

बिखरे हुए शव।
बिखरे हुए शव।

वन विभाग ने हाथी के दल के जमावड़े को देखते हुए गांववालों को अलर्ट किया है, साथ ही जंगल में जाने के लिए मना किया गया है। गरियाबंद जिले के जंगलों में 30-35 हाथियों का दल डेरा जमाए हुए है। हाथी लगातार इलाके में उत्पात मचा रहे हैं। मैनपुर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व बफर जोन तोरेंगा परिक्षेत्र के गांव जरहीडीह में हाथियों ने आंतक मचा रखा है। यहां हाथियों ने खेत और बाड़ी में लगी फसल को भी बर्बाद कर दिया है। हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दहशत में हैं।

घटनास्थल पर जमा भीड़।
घटनास्थल पर जमा भीड़।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार देर रात 12 बजे के आसपास 30-35 हाथियों का झुंड इलाके में घुस आया, जिसमें शावक भी शामिल हैं। कुछ लोगों ने हाथी और उनके शावकों का वीडियो भी बना लिया है। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का दल शोभा करेली जंगल के रास्ते से जरहीडीह से पेंड्रा की ओर बढ़ रहा था, अचानक फसलों को तहस-नहस करते हुए झोपड़ी में सो रहे बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला। फिलहाल हाथियों का झुंड दो गुट में बंट गया है। वन विभाग के कर्मचारी हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं। महुआ फूल खाने के लिए हाथियों का दल अभयारण्य क्षेत्र में सक्रिय है। हाथियों को महुआ की खुशबू और उसका फल बेहद अच्छा लगता है।