सहायक शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से स्कूल हुए वीरान ,छात्रों को पढ़ाने वाला नहीं है कोई ,कोर्स पूरा होने की सता रही चिंता

acn18.com कोरबा /सहायक शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे स्कूलों की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। शिक्षकों की गैरमौजूदगी से छात्रों को पढ़ाने वाला कोई नहीं है। केरवांद्वारी के हाईस्कूल में पांच शिक्षक पदस्थ है लेकिन उनके हड़ताल पर चले जाने से प्रभारी प्राचार्य के उपर पूरी जिम्मेदारी आ गई है यही वजह है,कि छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

वेतन विसंगती दूर करने की मांग को लेकर इन दिनों सहायक शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं जिसका बुरा असर सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर पड़ रहा है। इन्हीं शिक्षकों के भरोसे ग्रामीणों क्षेत्रों में संचालित सरकारी स्कूल चलते हैं जिनके हड़ताल पर जाने से छात्रों को पढ़ाने वाला कोई नहीं है। करतला विकासखंड के ग्राम केरवाद्वारी में संचालित हाई स्कूल में करीब पांच शिक्षक पदस्थ है,जो सरकार के खिलाफ हड़ताल पर चले गए हैं यही वजह है,कि छात्र कक्षा में अकेले समय काट रही है। छात्राओं ने बताया,कि स्कूल में प्यून की भी व्यस्था नहीं है यही वजह है,कि उन्हें स्कूलों में साफ-सफाई के साथ ही दूसरे काम भी करने पड़ रहे है।

स्कूल के प्रभारी प्राचार्य ने बताया,कि शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी उनके ही सिर पर आ गई है। जैसे-तैसे वे छात्रों को पढ़ा रहे है। सेंद्रीपाली स्कूल का प्रभार भी उनके पास ही है लिहाजा दोनों स्कूल के छात्रों को पढ़ा पाना उनके लिए काफी मुश्किल भरा काम साबित हो रहा है।

अगले महिने से स्कूलों की परिक्षाएं शुरु हो जाएगी ऐसे में कोर्स पूरा कैसे होगा यह डर छात्रों को खाए जा रहा है। कोर्स अधूरा होने की स्थिती में नतीजों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और अपनी हड़ताल समाप्त कर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना होगा ताकी शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो।

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