acn18.com कोरबा/ दुनिया भर में पर्यावरण से जुड़ी हुई समस्याओं को लेकर चिंता जताने के बीच अब थोड़े बहुत काम भी किए जा रहे हैं। सरकार और संस्था मिलकर ऐसे कामों को आगे बढ़ाने में लगी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण गतिविधि विभाग में विश्व पर्यावरण दिवस पर ऐसे ही अभियान की शुरुआत की। कोरबा के ढोड़ीपारा स्थित काली मंदिर परिसर में 101 पौधे इस अवसर पर लगाए गए।
विश्व पर्यावरण दिवस को सार्थक करने के लिए हम लोगों की भागीदारी के साथ कोरबा जिले में विभिन्न प्रयास हो रहे हैं। इस वर्ष 45 डिग्री से भी ऊपर तापमान के पहुंचने से विपरीत परिस्थितियों का सामना लोगों को करना पड़ा और विभिन्न क्षेत्रों में अत्यंत कड़वे अनुभव भी सामने आए। आने वाले वर्षों की चिंता करते हुए अभी से ही नियंत्रण की दिशा में कोशिश प्रारंभ की गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण गतिविधि विभाग की ओर से ढोड़ीपारा मानस नगर काली मंदिर परिसर में संक्षिप्त कार्यक्रम करते हुए पर्यावरण अभियान का शुभारंभ किया गया। क्षेत्र के जागरूक लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए जिन्होंने 101 पौधों का रोपण क्षेत्र में करने का संकल्प लिया। पर्यावरण गतिविधि विभाग के जिला प्रमुख पूर्व सेना शिक्षक कोच कैप्टन मुकेश अदलखा ने बताया कि पर्यावरण के सामने कई प्रकार की चुनौतियां हैं इसलिए अधिक संख्या में पौधों का रोपण करने का अभियान हमारी ओर से शुरू किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में काफी संख्या में पौधे लगाने की योजना है।
कैप्टन मुकेश ने बताया कि पर्यावरण के साथ कई और सोपान शामिल है जिस पर भी सभी लोगों को ध्यान देने की जरूरत है। क्लाइमेट चेंज के कारण पक्षियों का दिखना बंद हो गया है। इसलिए आसपास के क्षेत्र में लोग पानी की व्यवस्था करें ताकि पक्षियों की जरूरत को हम पूरा कर सकें।
वन विभाग के एसडीओ आशीष खैलवार इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए। पर्यावरण को सभी के लिए जरूरी विषय बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि हर किसी को इस प्रकार के प्रयासों से जुड़कर काम करने की आवश्यकता है। पर्यावरण अभियान के लिए काम करने वाले सदस्यों ने बताया कि यह आज का ज्वलंत विषय है और इस बारे में हम सभी को गंभीरता से काम करने की जरूरत है।
बताया गया कि मानसून सत्र में कोरबा जिले के अनेक स्थानों पर इस अभियान को रफ्तार दी जाएगी और इसके अंतर्गत 25000 से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा इनमें छाया देने वाले के साथ-साथ औषधि महत्व के पौधों को शामिल किया जाना है। समग्र रूप से कोशिश यही होगी कि अधिकतम लोगों की भागीदारी के साथ इस काम को संपन्न किया जाए और हमारे आसपास के पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए।