ACN18.COM वाराणसी /वाराणसी की ज्ञानवापी का सर्वे सुबह 8 बजे से शुरू हो चुका है। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र और वादी-प्रतिवादी पक्ष के 52 लोग परिसर के अंदर गए हैं। सर्वे टीम में सभी के मोबाइल बाहर जमा करा दिए गए हैं। प्रशासन ने ज्ञानवापी परिसर के चारों तरफ 500 मीटर तक पब्लिक की एंट्री बंद करा दी है।
एक किमी. के दायरे में 1500 से ज्यादा पुलिस-PAC के जवान तैनात हैं। सालों से बंद तहखानों में सर्वे करना था, इसलिए टीम बैटरी लाइट लेकर गई है। इसके अलावा, ताला तोड़ने वाले, सपेरे और सफाईकर्मियों को भी बुलाया गया है। सर्वे दोपहर 12 बजे तक चलेगा।
LIVE अपडेट्स –
- टीम ने परिसर में बने दूसरे तहखाने का सर्वे पूरा कर लिया है। दोनों की वीडियोग्राफी करवाई गई है।
- टीम ने एक तहखाने का सर्वे कर लिया है। अंदर क्या मिला है। इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
- टीम ने सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर ग्रिल के पास वीडियोग्राफी की।
- परिसर की वीडियोग्राफी के लिए विशेष कैमरा और लाइट की व्यवस्था की गई।
- सुबह आठ बजे के करीब गेट नंबर-4 से ज्ञानवापी परिसर में टीम ने एंट्री की।
- तहखाने में बिजली की व्यवस्था नहीं है, इसके लिए टीम बैटरी लाइट लेकर गई है।
- सुरक्षा को देखते हुए आसपास के घरों की छतों पर रूफ टॉप फोर्स तैनात की गई है।
- काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु सिर्फ गेट नंबर-1 से जा रहे हैं। ज्ञानवापी के पास गेट नंबर-4 बंद है।
सर्वे के दौरान CM योगी भी वाराणसी में
कोर्ट ने सर्वे में वादी-प्रतिवादी पक्ष, दोनों पक्ष के अधिवक्ता, एडवोकेट कमिश्नर और उनकी टीम, DGC सिविल और उनकी टीम, विश्वनाथ मंदिर की टीम और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की टीम शामिल हैं। इस सर्वे के बीच मुख्यमंत्री योगी भी वाराणसी दौरे पर हैं। वे PM मोदी की प्राथमिकता वाले विकास के कामों की अफसरों के साथ समीक्षा करने पहुंचे हैं।
DM ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के साथ की थी बैठक
सर्वे को लेकर वाराणसी DM कौशलराज शर्मा ने शुक्रवार को हिंदू और मुस्लिम, दोनों पक्षों के साथ बैठक की थी। उन्होंने सर्वे के दौरान दोनों पक्षों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। मुस्लिम पक्ष अंजुमन-ए-इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से कोई फैसला नहीं आ जाता है, वह सर्वे में सहयोग करेंगे। दरअसल, कमेटी ने सर्वे रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, लेकिन चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने फाइल देखे बिना कोई फैसला देने से इनकार कर दिया था।
ज्ञानवापी केस का पूरा मामला समझिए…
5 महिलाओं ने पिछले साल दाखिल की थी याचिका
दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह और बनारस की रहने वाली लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर ने वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में 18 अगस्त 2021 में एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में कहा गया कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी-देवताओं का स्थान है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं की सुरक्षा की बात भी याचिका में कही गई। इस मसले पर आठ महीने तक सुनवाई और दलीलें चलतीं रहीं।
कोर्ट ने 5 महिलाओं की याचिका पर सर्वे का आदेश दिया
- इस मसले पर करीब आठ महीने तक सुनवाई और दलीलें चलती रहीं। 26 अप्रैल को कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया। इसके लिए, कोर्ट ने ही एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किए। सर्वे टीम 6-7 मई को सर्वे के लिए पहुंची तो वहां हंगामा और विरोध हुआ।
- इसके बाद दोनों पक्ष फिर कोर्ट गए। मुस्लिम पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग की। हिंदू पक्ष ने तहखानों समेत पूरे परिसर की वीडियोग्राफी की मांग की। दोनों ने तीन दिन तक फिर से दोनों पक्षों को सुना। इसके बाद कोर्ट ने 12 मई को फाइनल फैसला सुनाया था।
12 मई को कोर्ट के आदेश की 5 बड़ी बातें
1- सर्वे के दौरान वादी, प्रतिवादी, एडवोकेट, एडवोकेट कमिश्नर, उनके सहायक और सिर्फ सर्वे से संबंधित लोग ही होंगे। ज्ञानवापी परिसर में और कोई नहीं होगा। 2- कमिश्नर कहीं भी फोटोग्राफी के लिए स्वतंत्र होंगे। चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी की जाएगी। 3- जिला प्रशासन ताले को खुलवाकर या ताले को तुड़वाकर भी सर्वे कराएगा। DGP और चीफ सेक्रेटरी मॉनिटरिंग करें। 4- सर्वे पूरा कराने की जिम्मेदारी DM, पुलिस कमिश्नर की व्यक्तिगत तौर पर होगी। 5- जिला प्रशासन कोई भी बहाना बनाकर सर्वे की कार्रवाई को टालने का प्रयास नहीं करेंगे।
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