acn18.com कोरबा /बदली हुई व्यवस्था के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में प्राइमरी और मिडिल के विद्यार्थियों को मध्यान भोजन के लिए घर से थाली लाने की जरूरत नहीं है। लेकिन कोरबा के अंधरीकछार स्कूल में मध्यान भोजन करने के लिए बच्चे अपने घर से थाली लाने के लिए मजबूर है। विद्यार्थी बताते हैं कि ऐसा करने के लिए उन्हें कहा गया है जबकि स्कूल कुछ अलग तर्क दे रहा है। सबसे हैरानी की बात यह है कि जिस परिसर में इस तरह की अवस्था मौजूद है, वहां पर ही बीआरसी का कार्यालय मौजूद है।
सरकारी प्रायमरी और मिडिल स्कूल में छात्रों का जुड़ाव बेहतर रहे, इसके लिए बीते वर्षों में सर्वे के साथ कई सोपान पर काम किया गया। इसके अंतर्गत स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना प्रारंभ की गई, जो अब भी जारी है। शुरुआती वर्षों में व्यवस्था के अंतर्गत छात्रों को थाली के साथ स्कूल जाना पड़ता था। बाद में कई कारणों से बदलाव करने के साथ संस्था स्तर पर बर्तन उपलब्ध कराए गए ताकि समय भी बच्चे और सहूलियत भी प्राप्त हो। अनेक संस्थाओं में इस नियम पर काम हो रहा है लेकिन कोरबा नगर में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान भोजन के लिए अपने घर से थाली लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सुनिए छात्र क्या कहते हैं इस बारे में।
आखिर इस विद्यालय में इस प्रकार की व्यवस्था क्यों है, यह जानने के लिए हमने प्राथमिक विद्यालय की प्रधान पाठक अंजुम नफीसा से बातचीत की। प्रधान पाठक ने सधे अंदाज में बताया कि थालिया संस्था की है। कुछ बच्चे घर से भी ले आते है। कोविड के समय कुछ बदलाव हुआ था।
स्कूल के करताधर्ता चाहे जो कुछ बोल रहे हो लेकिन कम उम्र के बच्चे अपने स्वभाव से सच बोलने के आदी है और वे पूरे मामले में पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। इस मामले में अहम सवाल यही है कि जब अन्य संस्थाओं में मध्यान भोजन से संबंधित व्यवस्था बदल दी गई है तो फिर यहां आखिर कौन सा नियम चल रहा है और किसके कहने से। कारण चाहे जो हो, सुविधा के इस दौर में मध्यान भोजन के लिए अंधरीकछार विद्यालय के बच्चों को कुल मिलाकर सुविधा प्राप्त करने के लिए समस्या से 2 -4 होना पड़ रहा है। सबसे हैरानी की बात यह रही की इस मामले को कवर करने के कुछ देर के बाद किसी शिक्षक के द्वारा हमारे पास फोन करने के साथ यह जानकारी दी गई की केवल प्राथमिक विद्यालय के बच्चे ही घर से थाली लेकर नहीं आते हैं बल्कि यह मामला हमारे ही बगल में संचालित माध्यमिक विद्यालय में भी है इसलिए आप वहां की भी शुद्ध ले। निश्चित रूप से यह मामला हमारे लिए भी अत्यंत आवश्यक है और बच्चों से जुड़ा हुआ है इसलिए इसकी भी चिंता की जाएगी।
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