कोरबा जिले में अवैध रेत घाटों का संचालन विधिवत तरीके से शुरू नहीं हो सका है। इन कारणों से अलग-अलग प्रकृति के निर्माण कार्य पर असर पड़ रहा है और लोग परेशान हो रहे हैं। वाहन मालिकों ने इस मसले को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और व्यापक हित में रेत घाट का संचालन सुचारु रुप से करने की मांग की।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा 15 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए सभी रेत घाटों को प्रतिबंधित किया गया था। इस अवधि में कोरबा जिले में जमकर रेत की चोरी हुई और बड़े पैमाने पर सरकार को चपत लगाई गई। प्रतिबंध हटने के बाद भी रेत घाटों का संचालन निर्बाध रूप से शुरू नहीं हो सका है इसके चलते कई प्रकार की परेशानियां निर्माण कार्यों के सिलसिले हो रहे हैं। समय पर रेत नहीं मिलने से समस्याएं खड़ी हो रही हैं। रेत ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों ने इस बारे में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और सही व्यवस्था कराने की मांग की।
एक अन्य व्यवसायी ने बताया कि प्रशासन की ओर से एक रेत घाट को जल्द ही शुरू कराने का भरोसा दिया गया है। हमारी ओर से कोरबा शहर के 3ret घाटों के संचालन को लेकर मांग की गई है ताकि समस्याएं कम हो सके।
याद रहे काफी समय से जिले में रेत चोरी को लेकर शिकायतें सामने आती रही हैं। इस तरह की गतिविधियों से कुल मिलाकर राज्य सरकार को भी नुकसान हो रहा है इसलिए उसके स्थानीय तंत्र को व्यवस्था सही करने के बारे में योजना बनाना चाहिए