Acn18.com/एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार गरीब बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा देने के लिए जगह-जगह स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोल रही है। वहीं दूसरी तरफ उसी स्कूल परिसर में हिंदी मीडियम और इंग्लिश मीडियम के बच्चों में भेदभाव किया जा रहा है। ऐसे ही भेदभाव को लेकर भिलाई में फरीदनगर स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का पेरेंट्स ने घेराव कर दिया। इसके बाद में बड़ी मुश्किल से मामले को शांत कराया गया।
भिलाई के फरीदनगर स्थित आत्मानंद सरकारी स्कूल में हिंदी मीडियम के 108 बच्चों को पहले तो एडमिशन दिया गया। एक से डेढ़ महीने तक क्लास भी चलाई गई। इसके बाद अचानक से उनका स्कूल बदलने का आदेश जारी कर दिया गया। जब ये बात परिजनों को पता चली तो वो आक्रोशित हो गए। उन्होंने शनिवार को स्कूल का घेराव कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विरोध प्रदर्शन करने गए अभिभावकों का आरोप है कि उन्होंने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकालकर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल में भर्ती कराया। उन्होंने सोचा था कि यहां एडमिशन दिलाने से उनके बच्चों को प्राइवेट स्कूल की तरह ही एजुकेशन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। अब उनके बच्चों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने अचानक पढ़ाई के बीच में ये आदेश जारी कर दिया कि उन्हें दूसरे स्कूल भवन में शिफ्ट किया जाए। पेरेंट्स का कहना है कि, अगर इस स्कूल की बिल्डिंग में उन्हें पढ़ाई करवाना ही नहीं था तो एडमिशन क्यों लिया गया। एक से डेढ़ महीने उनके बच्चों की क्लास इस स्कूल में क्यों लगाई गई?
प्रिंसिपल के समझाने पर भी नहीं माने परिजन
स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्रिंसिपल ने प्रदर्शन कर रहे परिजनों को जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग का ऑर्डर दिखाया। उन्होंने पेरेंट्स को समझाने का प्रयास किया पर पेरेंट्स समझने को तैयार नहीं थे। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि जब तक इसका फैसला नहीं हो जाता बच्चे नए स्कूल भवन में ही पढ़ाई करेंगे।
स्कूल प्रबंधन की सामने आ रही लापरवाही
इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है। सबसे पहले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रिंसिपल ने 31 जुलाई 2023 को जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग को पत्र लिखकर यह बताया कि स्कूल में दर्ज छात्रों की संख्या अधिक हो गई है। इसलिए हिंदी और अंग्रेजी माध्यम को अलग-अलग करते हुए हिंदी मीडियम स्कूल की कक्षाएं पुराने भवन में लगाने का निर्णय लिया गया है। इस पत्र का जवाब जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग ने 8 अगस्त 2023 को दिया। उन्होंने लिखा कि पुराना भवन मानक के अनुरूप हो तभी वहां क्लास संचालित की जाएं। लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल ने डीईओ के आदेश को गलत तरीके से पेश किया और हिंदी मीडियम स्कूल के बच्चों को जर्जर भवन में पढ़ने को भेजने वाले थे।