Acn18.com/ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शनिवार को शंकराचार्य कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के घर पहुंचे। यहां उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार के गौ संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों को सराहा। इस दौरान उन्होंने साईं बाबा को लेकर फिर से कहा कि वो न तो भगवान है, न गुरु और न ही संत हैं। इसके बाद भी कोई उन्हें पूजता है तो वो उनकी व्यक्तिगत श्रृद्धा है।
भास्कर से खास बीतचीत में शंकराचार्य ने कहा कि गाय की रक्षा के लिए हम सभी को कार्य करना चाहिए। स्लाम में भी कहा गया है कि जिसका हम दूध पीते हैं उसको काटना नहीं चाहिए। इसके बाद भी गाय काटी जा रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। यह सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी लोगों उन्हें बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री गायों के संरक्षण को लेकर बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। यहां तक की कई भाजपा के बड़े नेताओं ने कहा कि उनकी तरह वो लोग भी काम करना चाहते हैं, लेकिन वो कर चुके हैं और अब हम करेंगे तो नकल मानी जाएगी। लेकिन सही मायने में उनका कार्य सराहनीय है।
साईं बाबा को लेकर लग चुकी है धर्म संसद
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि साईं बाबा क्या थे इस विषय पर छत्तीसगढ़ में उनके पूज्य गुरुजी कवर्धा में बहुत बड़ी धर्म संसद का आयोजन कर चुके हैं। उसमें भी सिद्ध हो चुका है कि वो न तो गुरु हैं, न संत हैं और न भगवान है। पूजन एक अलग बात है और शास्त्र के अनुसार उनका निर्धारण करना अलग है। धर्माचारियों ने शास्त्रों का दृष्टिकोण रखते हुए ये परिभाषित कर दिया है कि साईं बाबा न तो गुरु की श्रेणी में आते हैं न भगवान की और न संत की श्रेणी में आते हैं। उसके बाद कोई कुछ करे वो अलग बात है।
पूरे विश्व में हो रहा है धर्मांतरण
धर्मांतरण को लेकर उन्होंने कहा कि एक क्षेत्रीय स्तर पर राजनीति होती है, एक देश और एक विश्व स्तर पर राजनीति होती है। जिस समय आप क्षेत्र की राजनीति करते हैं उस समय देश और विश्व की राजनीति भी चलती रहती है। कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो पूरे विश्व में अपना राज्य स्थापित करना चाहती हैं। उनके द्वारा अलग-अलग देशों में जो सरकार के लोग हैं उनके विरुद्ध षडयंत्र किए जाते रहते हैं। धर्मांतरण पूरे विश्व में हो रहा है। यह इसलिए है क्योंकि कुछ लोग चाहते हैं कि पूरे विश्व में उनका शासन हो जाए। राजनीतिक कारणों से पूरे विश्व में और भारत में धर्मांतरण हो रहा है।
गुरु तभी बनाओ जब उसे परख लो
संतों की ब्रांडिंग को लेकर शंकराचार्य ने बड़ा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज कह गए हैं कि गुरु करो जान के और पानी पियों छान के। आज जिसको देखों अगर वो टेलीवीजन में आता है तो वो अच्छा संत है। टेलीवीजन पर तो पैसा देकर कोई भी आ सकता है। कोई भी पैसा देकर गेरुआ वस्त्र खरीद कर पहन सकता है। लेकिन वो कितना शास्त्रीय है जब तक यह परख न ले, तब तक आगे न बढ़ें।