Acn18.com/उमेश यादव, गेवरा प्रोजेक्ट के सुरक्षा चैक पर हाईवा की चपेट में आने से मौत के आगोश में समाए एसईसीएल कर्मी जयपाल सिंह के मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। जिस स्थान पर हादसा हुआ वह मार्ग भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित है। उस मार्ग से केवल हल्के और दुपहिया वाहन ही आवाजाही कर सकते हैं। ऐसे में हाईवा को उस मार्ग पर जाने की ईजाजत किसने दी यह एक बड़ा सवाल है जिससे एक बेकसूर व्यक्ति की जान चली गई।
शनिवार की दोपहर गेवरा प्रोजेक्ट के सुरक्षा चैक पर जिस तरह से तेज रफ्तार हाईवा ने बाइक सवार एसईसीएल कर्मी को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया उस पर एसईसीएल प्रबंधन लीपापोती करने में जुट गया है। भारी वाहन का पहिया मृतक जयपाल सिंह के सिर से होकर गुजर गया था जिससे मौके पर ही उसका अंत हो गया। इस मामले में सफाई देते हुए प्रबंधन ने पत्र जारी कर कहा,कि हादसे में जयपाल सिंह को गंभीर चोट लगी थी और उसे एनसीएच अस्पताल लाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हुई। मौके पर हुई मौत को अस्पताल में मौत करार देने के पीछे प्रबंधन की मंशा क्या हो सकती है यह बात हमें भी नहीं पता लेकिन खदान के भीतर और आस पास हो रहे हादसों के दौरान जिस गति से लोगों की मौत हो रही है उससे तो लगता है,कि प्रबंधन को मुनाफा से प्यारा और कुछ भी हैं। इस मामले में एक और बात भी सामने आई है। जिस स्थान पर हादसा हुआ है वह मार्ग हल्के और दुपहिया वाहनों के लिए निर्धारित किया गया है जहां भारी वाहनों के चलने पर पूरी तरह प्रतिबंध है ऐसे में हाईवा वाहन वहां कैसे पहुंचा यह जांच का विषय है। इस घटना में कहीं न कहीं प्रबंधन के अधिकारी,सुरक्षा के अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार है,जो पहले से जानते थे,कि इस मार्ग पर हल्के और छोटे वाहन ही चलते हैं। भारी वाहनों के चलने से हादसे की काफी संभावना है फिर भी हाईवा को मार्ग पर आने दिया गया जिससे एक बेकसूर की जान चली गई। अब जब हादसा हो गया है,तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा यह एक बड़ा सवाल है। मरने वाला व्यक्ति तो मर गया लेकिन उसके परिवार का अब क्या होगा। क्या इस मामले में प्रबंधन के किसी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई होगी,क्या खदान की सुरक्षा में लगे किसी अधिकारी पर कार्रवाई की गाज गिरेगी या फिर उस ट्रांसपोर्टर की जवाबदेही तय की जाएगी,जिसकी वाहन से यह हादसा हुआ है। ये वो तमाम ऐसे सुलगते सवाल है जिसका जवाब हर कोई चाहता है।