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संकेत साहित्य समिति बिलासपुर इकाई की प्रथम काव्य गोष्ठी
गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में समिति के अध्यक्ष राकेश खरे “राकेश’ के निवास स्थान राजकिशोर नगर बिलासपुर में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अजय पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुई । जिसका सफल संचालन राकेश खरे “राकेश” द्वारा किया गया । डॉ अजय पाठक द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष पूजा -अर्चना एवं दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात समिति के सदस्य महासिंह ठाकुर द्वारा सभी प्रतिभागी साहित्यकारों का नारियल पुष्प के साथ तिलक लगाकर सम्मान किया गया। राकेश खरे “राकेश” ने संकेत साहित्य समिति पर प्रकाश ढालते हुए कहा कि बाल्कोनगर कोरबा में समिति की स्थापना 11.9.1981 को संस्थापक डा माणिक विश्वकर्मा नवरंग द्वारा किया गया था । उनके नेतृत्व में आज इसका विस्तार कोरबा , रायपुर एवं बिलासपुर मे हो चुका है। प्रांत के तीन महत्वपूर्ण जिलों में सक्रीय रूप से समिति की गतिविधियां आज अनवरत रूप से चल रही हैं। काव्य गोष्ठी का प्रारंभ केवल कृष्ण पाठक जी के द्वारा अपनी सरस्वती वंदना से किया गया एवं प्रथम कवि के रूप में महा सिंह ठाकुर ने अपने दोहे से वाह -वाही लूटी वहीं गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी पर एक से बढ़कर एक गीत , गजल , नवनीत, हास्य व्यंग्य की प्रस्तुति द्वारा साहित्यकारों ने समां बाँध दिया। काव्यगोष्ठी में भाग लेने वाले रचनाकारों में राघवेन्द्र दुबेजी ,सनत तिवारी जी, ओम प्रकाश भट्ट , केवल कृष्ण पाठक , राकेशखरे “राकेश”, कृष्ण कमार ठाकुर , राजेश नातिन वस्त्राकार ,असित वरुण दास जी, अंजनी कुमार तिवारी ,जगतारन डहरे, राजकुमार द्विवेदी “बिंब , प्रवेश भट्ट , वन्दना खरे ,कमलेश पाठक महासिंह ठाकुर ,छत्तीसगढ़ कायस्थ समाज के प्रमुख संरक्षक मदन श्रीवास्तव एवं एक्यूप्रेशर डा. यशवंत सिंह का नाम प्रमुख है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डा अजय पाठक ने गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कवि सूर्यकांत त्रिपाटी “निराला” जी के व्यक्तित्व दर्शन से जहाँ सभी को अवगत कराया एवं बताया निराला का जन्मदिन भी बसंतपंचमी के दिन मनाया जाता है । उन्होंने अपनी रचना से गणतंत्र दिवस एवं पर्यावरण पर सुन्दर बानगी प्रस्तुत की।यथा-शहर शहर धुआँ कसेला, भारी सोर शराबा नगर-नगर में रक्त बीज है डगर-डगर शैतान। मेरा देश महान, तुम्हारा क्या होगा?
जात पात का ज़हर परोसे वोटों के व्यापारी ,ईश्वर अल्लाह एक नहीं है, कहते धर्माचारी ।सहमे -सहमे पीर औलिया,
दहशत में भगवान ,तुम्हारा क्या होगा? संकेत साहित्य समिति के संरक्षक कृष्ण कुमार ठाकुर ने सभी का हृदयतल से आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की।