रायपुर। आज से तीन साल पहले भारत सरकार ने सोने के जेवरों के विक्रय के लिए हॉलमार्क की अनिवार्यता तय की थी। लेकिन विडंबना यह है कि हालमार्किंग ज्वेलरी की बिक्री देश में अनिवार्य रूप से नहीं हो रही है। एक देश एक व्यापार की तर्ज पर जब यह नियम बना है तो पालन कराने की जिम्मेदारी भी सरकार की है
अत: संबंधित विभागों को दिशानिर्देश जारी किया जाए कि यह अनिवार्य रुप से पालन करें। इस संबंध में रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।
संदर्भित विषय पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल को भी इसी पत्र की कापी भेंजकर इसके क्रियान्वयन के लिए सहयोग की अपेक्षा जताई है। मालू ने भेजे पत्र में उल्लेखित किया है कि देश की सभी जेवर निर्माण इकाइयों को यह निर्देश दिया जाना उचित प्रतीत होता है कि केवल हॉलमार्किंग ज्वेलरी का ही निर्माण करें। हमारा आपसे अनुरोध है कि भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी सेम्पल जांच के लिए सराफा बाजार जाते हैं
निश्चित तौर पर यह उचित कदम है किंतु अधिकारियों को यह स्पष्ट दिशा निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह व्यापारी पर अनावश्यक कार्रवाई या दबाव ना बनाएं इससे विभाग की छवि धूमिल होती है। व्यापारी भारतीय मानक ब्यूरो को पूर्ण सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि आप हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे।