acn18.com/ मुटधर पांडेय साहित्य समिति कोरबा द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वनभोज कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ के ख्यातिप्राप्त, प्राकृतिक, मनोरम स्थल सतरेंगा में किया गया। साहित्यकारों के साथ वनभोज में जाने हेतु परिवार के सदस्यों को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस वर्ष के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बस में सभी साहित्यकारगणों का जमनीपाली, कोरबा से बाल्को होते हुए, गीत, ग़ज़ल, संगीत में झूमते हुए सतरेंगा पहुँचना रहा। पर्यटन के क्षेत्र में सतरेंगा एक बहुत ही मनोरम एवं नयनाभिराम दृश्य प्रदर्शित करते हुए पूरे छत्तीसगढ़ के नक्शे में अपनी पहचान बना चुका है, यहाँ दूर – दूर से सैलानियों का आगमन होता है. यहाँ आस-पास के लोगों को एक खासा रोजगार भी मिल चुका है.
यहाँ बहेरा ग्राम के नाविक बड़ी संख्या में उपस्थित रहकर नौकाविहार का आनंद दिलाते हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद भी जगह जगह चखने को मिलता है, यहाँ निरंतर विकास हो रहा है. हर एक मौसम में यहाँ आना एक अलग ही आनंद और अनुभव प्रदान करने वाला होता है. साहित्यकारों ने अपने ईष्ट- मित्र, परिवारों के संग नौकाविहार का भरपूर आनंद लिया. सतरेंगा के विशाल जलराशि के संबंध में नाविकों से विचार – विमर्श भी किया. यहाँ बढ़ती भीड़ और पर्यावरण के प्रति जागरूक न रहने से प्रदूषण भी बढ़ने लगा है. इस पर भी समिति के उपाध्यक्ष बलराम राठौर और सचिव डॉ कृष्ण कुमार चन्द्रा शिक्षक ने चिंतन कर एक सफाई अभियान चलाने की बात कही. साहित्य परिवार के साथियों ने वनभोज के बाद गीत व संगीत के साथ ऐसा नृत्य किया कि आस -पास के परिवार के लोग भी दर्शक बनकर झूम उठे थे.
परिवार के सभी वर्गों के लिए विविध प्रकार के खेलकूद जैसे गेंद के द्वारा गिलासों को गिराना, सुई में धागे पिरोना, मोमबत्ती जलाना और बुझाना, बैट से बाल उछालना, कुर्सी दौड़ सम्मिलित किये गये थे. खेलकूद,नृत्य और गीत- संगीत में विजयी प्रतिभागियों को समिति द्वारा पुरुस्कृत किया गया. पुरुस्कार पाने वालों में एकांश साहू, मयंक साहू, लखनी साहू, हीरामणि वैष्णव, रामकली कारे, रशीदा बानो मार्कण्डेय, संतोष मिरी, जीतेन्द्र वर्मा खैरझिटिया, अर्चना साहू, गार्गी चटर्जी,अहिबरन पटेल आदि का नाम शामिल हैं. साहित्य भवन समिति के संरक्षक और वरिष्ट गजलकार यूनुस दानियालपुरी और कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष कमलेश यादव ने अपने संबोधन के दौरान आशीर्वचन के साथ-साथ कार्यक्रम की खूब सराहना की. डॉ कृष्ण कुमार चन्द्रा ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत की. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के ख्यातिलब्ध कवि बंशीधर मिश्रा की सपरिवार उपस्थिति रही. उन्होंने कोरबा के साहित्यकारों व वनभोज कार्यक्रम की खूब सराहना करते हुए एक मनभावन कविता प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम के आयोजन में समिति के अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल, सचिव डॉ कृष्ण कुमार चन्द्रा, उपाध्यक्ष बलराम राठौर, कोषाध्यक्ष जीतेन्द्र वर्मा ने महती भूमिका अदा की. वनभोज व पारिवारिक मिलन कार्यक्रम में युनूश दानियालपुरी, कमलेश यादव, लखनी साहू, दिलीप अग्रवाल, बलराम राठौर, डाँ केके चन्द्रा, रामकली कारे, स्मिता देशपाण्डे, जगदीश श्रीवास, वीणा ग्वाल, वीणा मिस्त्री, जीतेन्द्र वर्मा खैरझिटिया, अनुसुइया श्रीवास, अर्चना साहू, नवलकुमार जोशी, राधेश्याम साहू, कविता जैन, मनीष मोहतरम, संतोष साहू, अहिबरन पटेल, लक्ष्मी देवी, रामकृष्ण कुमार साहू, गार्गी चटर्जी, सरस्वती श्रीवास, रशीदा बानो मार्कण्डेय, शनी प्रधान, लता चंद्रा, शिव कुमार साहू, शिवानंद श्रीवास्तव, हीरामणि वैष्णव,मुकेश पटेल, रेणुका चंद्रा, संतोष मिरी, देवव्रत कुर्रे और एकांश साहू आदि साहित्यकारों की सपरिवार उपस्थिति रही। समिति के अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल ने आभार ज्ञापित किया.