Acn18.com/यूपी में निकाय चुनाव की काउंटिंग शुरू हो चुकी है। सभी 17 नगर निगम सीटों के शुरुआती रुझान आ चुके हैं। इसमें लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या समेत 15 पर भाजपा आगे है। जबकि मेरठ से AIMIM और सहारनपुर से बसपा बढ़त बनाई है। काउंटिंग से पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर चुनाव आयोग पर तंज कसा है। उन्होंने कहा- आशा है चुनाव आयोग हर एक राउंड के बाद आंकड़े बताता जाएगा, जिससे जन विश्वास बना रहे।
वहीं, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने दावा किया है कि सभी 17 निगम सीटों पर भाजपा क्लीन स्वीप करेगी। क्योंकि, विकास सिर्फ भाजपा सरकार कर सकती है, विपक्ष सिर्फ गाल बजा सकता है। फिलहाल, 10 बजे तक शहरों में किसकी सरकार बनेगी इसकी तस्वीर साफ हो जाएगी। नगर निगम के अलावा, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत का रिजल्ट की काउंटिंग भी हो रही है।
नोट- जैसे-जैसे रुझान आएंगे, वैसे-वैसे हम टेबल को अपडेट करेंगे।
LIVE अपडेट्स…
- अलीगढ़ में भाजपा आगे चल रही है। बीजेपी को 21043, सपा को 10220 और बसपा को 6269 मिले हैं।
- मेरठ में बड़ा उटलफेर हुआ है। पोस्टल बैलेट में AIMIM ने बढ़त बना ली है। AIMIM को 274 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा को 198 और सपा को 174 वोट मिले हैं।
- कानपुर में फिर से भाजपा ने बढ़त बना ली है। बीजेपी प्रत्याशी प्रमिला पांडे को 8884 मिले हैं, जबकि सपा की वंदना वाजपेई को 5413 वोट मिले हैं। वहीं, बसपा की अर्चना निषाद को 2050 वोट मिले हैं।
- फिरोजाबाद में पहले राउंड में बीजेपी को 1023 वोटों से आगे है। बीजेपी को 2958, सपा को 1943, बसपा को 1058 और कांग्रेस को 143 मिले हैं।
- बरेली में भाजपा के 7203 वोटों से आगे हैं। दूसरे नंबर पर निर्दलीय डॉ आईएस तोमर हैं। भाजपा के उमेश गौतम को 17,205 वोट मिले हैं, जबकि डॉ आईएस तोमर को 10,002 वोट मिले हैं।
- शाहजहांपुर से भाजपा 3760 वोट से आगे चल रही है। भाजपा प्रत्याशी अर्चना वर्मा को 5983, कांग्रेस की निकहत इकबाल 2223 और सपा की माला राठौर 1635 वोट मिले हैं
- गोरखपुर से भाजपा 8730 वोटों से आगे चल रही है। भाजपा के मंगलेश श्रीवास्तव 21328 वोट मिले हैं। वहीं, सपा प्रत्याशी की काजल निषाद को 12598 वोट, बसपा के नवल किशोर नाथानी और कांग्रेस के नवीन सिन्हा को 558 वोट मिले। जबकि नोटा को 226 वोट मिले हैं
- झांसी में भाजपा के मेयर प्रत्याशी बिहारीलाल आगे चल रहे हैं। उनको 23730 वोट मिले हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अरविंद कुमार बबलू को 10422 वोट मिले हैं।
- अयोध्या में 3 राउंड में भाजपा 9362 से आगे है। भाजपा को 18026 वोट मिले हैं। जबकि सपा को 8664 वोट मिले हैं।
- गाजियाबाद नगर निगम की EVM काउंटिंग 8.45 बजे शुरू हुई। यहां तैयारियों में बड़ी लापरवाही नजर आई है।
- बरेली में नगर निगम में वोटों की काउंटिंग के लिए कुल 32 टेबल लगाई गई हैं। 16 राउंड में वोटों की गिनती होगी।
- मथुरा में मतगणना स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रत्याशी और एजेंट को मेटल डिटेक्टर मशीन से चेक किया जा रहा है। यही नहीं, मतगणना स्थल पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
- मतगणना स्थल पर पार्टी के एजेंट, कार्यकर्ता और मतगणना अधिकारी पहुंच गए हैं। मतदान स्थल के बाहर बैरिकेडिंग की गई है। सिर्फ पास वालों को ही एंट्री मिल रही है।
- मतगणना को लेकर प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ मतदान केंद्र पहुंच गए हैं।
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इस बार जीतने वाले कैंडिडेट विजय जुलूस नहीं निकाल पाएंगे। 2017 में 16 नगर निगम सीटें थीं। इस बार शाहजहांपुर भी जुड़ गया है। इसे पहला महापौर मिलेगा। पिछले नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 14 जीती थीं। मेरठ और अलीगढ़ में बसपा के कैंडिडेट मेयर चुने गए थे। किसी भी सीट पर सपा का मेयर नहीं चुना गया था। नगर निगम के अलावा 200 नगर पालिकाओं और 544 नगर पंचायतों में भी वोटों की गिनती हो रही है।
2 चरणों में होगी काउंटिंग, 353 मतगणना केंद्र
दो चरणों में होने वाली काउंटिंग में 17 नगर निगम, 1420 नगर निगम बोर्ड, 200 नगर पालिका परिषद, 5327 नगर पालिका की मतगणना 353 मतगणना केंद्रों पर करवाई जाएगी। इसकी सुरक्षा के लिए 151 ASP, 11445 SI, 18353 हेड कॉन्स्टेबल, 9650 कॉन्स्टेबल, 5869 होमगार्ड और 10 कंपनी PAC की ड्यूटी लगाई गई है। -
अब पढ़िए कैसे पिछले 2 निकाय चुनाव में 12 से 17 हुई मेयर सीट…
2012 : बरेली और प्रयागराज में निर्दलीय जीते, बाकी बीजेपी के मेयर चुने गए
2012 में निकाय चुनाव 12 मेयर सीट पर लड़ा गया था। बीजेपी अपने गढ़ बचाने में कामयाब रही थी। 10 सीट पर बीजेपी के मेयर चुने गए। जबकि 2 सीट निर्दलीय प्रत्याशी अपने खाते में ले गए। इनमें बरेली के डॉ. आईएस तोमर और प्रयागराज में नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ की पत्नी अभिलाषा शामिल थीं। बीजेपी ने मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में मेयर पद पर जीत हासिल की थी।2017 : अलीगढ़ और मेरठ में बसपा, बाकी बीजेपी के पाले में
इसके बाद मथुरा, फिरोजाबाद, फैजाबाद और सहारनपुर चार और नगर निगम क्षेत्र बनाए गए, जहां पहली बार 2017 में निकाय चुनाव हुए। इस तरह से कुल सीट 16 हो गईं। 2017 के चुनाव में फिर बीजेपी का परचम लहराया। 14 सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी जीत गए। जबकि मेरठ और अलीगढ़ में बसपा के मेयर प्रत्याशी जीते। 2023 के निकाय चुनाव में शाहजहांपुर को भी नगर निगम क्षेत्र बनाया गया है। अब यूपी में कुल 17 नगर निगम सीट हो चुकी हैं।अब पढ़िए मेयर पद पर कहां कितनी मशक्कत
लखनऊ में सभी ने बदले प्रत्याशी
2017 में भाजपा ने मेयर की सीट 1.22 लाख वोटों से जीती थी। दूसरे नंबर पर सपा रही थी और बाकी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। इस बार महिला के लिए आरक्षित सीट पर भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस और आप सभी ने चेहरे बदले हैं।गोरखपुर में बसपा-कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी
पिछले चुनाव में भाजपा से सीताराम जायसवाल जीते थे। भाजपा को दूसरे नंबर पर रही सपा के मुकाबले दोगुने से अधिक वोट मिले थे। बसपा, कांग्रेस सहित बाकी प्रत्याशी जमानत नहीं बचा सके थे।प्रयागराज में अतीक-अशरफ की हत्या का दिखेगा असर
भाजपा की अभिलाषा गुप्ता 40% वोट पाकर मेयर बनी थीं। सपा के विनोद चंद्र दुबे को करीब 21% वोट मिले थे। बसपा सहित बाकी दलों की जमानत जब्त हो गई थी। इस बार माफिया अतीक अहमद व उसके भाई की हत्या के बीच उपजे माहौल व समीकरणों के बीच चुनाव दिलचस्प हो गया है।वाराणसी में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला
पीएम के संसदीय क्षेत्र में 2017 में भाजपा ने वाराणसी में 42% वोट पाकर आसान जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी। सपा को भी करीब 22% वोट मिले थे, लेकिन बसपा की जमानत जब्त हो गई थी। लड़ाई इस बार भी यहां त्रिकोणीय मानी जा रही है। -
मुरादाबाद में मुस्लिम चेहरों को तवज्जों
2017 में यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई हुई थी। करीब 21 हजार वोटों से जीत भाजपा के खाते में गई थी। सपा व बसपा की जमानत छिन गई थी। कांग्रेस व सपा दोनों ने ही मुस्लिम चेहरे उतारे थे और वोटों का बंटवारा हुआ था। इस बार भी मुस्लिम चेहरे होने के नाते बंटवारा रोकने का संकट बना हुआ है।फिरोजाबाद में भाजपा को मिल रही टक्कर
सपा का गढ़ माने जाने वाले फिरोजाबाद में भाजपा को आसान जीत मिली थी। इसकी बड़ी वजह बनी AIMIM से मशरूर फातिमा की उम्मीदवारी। उन्होंने 56 हजार से अधिक वोट हासिल कर सपा को तीसरे पर धकेल दिया था और जमानत जब्त करवा दी थी। इस बार मशरूर सपा प्रत्याशी हैं। बसपा ने भी मुस्लिम चेहरा उतरा है। भाजपा के सामने भी बागियों से वोट बचाने की चुनौती है।आगरा में भाजपा की राह आसान नहीं
पिछली बार अनारक्षित रही मेयर की सीट भाजपा ने 74 हजार वोटों से जीती थी। 28% वोट पाकर बसपा दूसरे पर थी। सपा सहित अन्य पार्टियों की जमानत जब्त हो गई थी। इस बार सीट आरक्षित है। चुनाव के पहले ही सपा अपना प्रत्याशी बदल चुकी है। लड़ाई त्रिकोणीय होने की उम्मीद है।मथुरा-वृंदावन में भाजपा दे रही टक्कर
भाजपा ने कांग्रेस को करीब 23 हजार वोटों से पीछे छोड़कर जीत हासिल की थी। सपा, बसपा की जमानत चली गई थी। इस बार चुनाव के पहले ही विपक्ष अंतर्विरोध से जूझ रह है। कांग्रेस व सपा दोनों ही अपने घोषित प्रत्याशियों से किनारा कर निर्दलीय पर दांव लगा रहे हैं। इससे चुनाव दिलचस्प हो गया है।सहारनपुर में पिछली बार सपा को मिले थे 3% वोट
त्रिकोणीय लड़ाई में बसपा को बहुत ही नजदीकी मुकाबले में हराकर भाजपा ने अपना मेयर बनाया था। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। इसकी वजह इमरान मसूद का साथ था। इमरान बसपाई हो चुके हैं और पार्टी ने उनकी भाभी को टिकट दिया है। पिछली बार महज 3% वोट हासिल करने वाली सपा ने विधायक आशु मलिक के भाई पर भरोसा जताया है। अखिलेश यादव ने भी उनके समर्थन में रोड शो किया है। यहां के नतीजे सियासी संदेशों के लिहाज से भी अहम होंगे।झांसी में सपा ने बदला प्रत्याशी
2017 में सीधी लड़ाई में भाजपा ने कांग्रेस को हराया था। बाकी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। इस बार लड़ाई सपा से होने की उम्मीद जताई जा रही है। सपा ने पहले घोषित प्रत्याशी रघुवीर चौधरी को हटाकर सतीश जतारिया पर भरोसा जताया है। नतीजे समीकरणों का लिटमस टेस्ट करेंगे।