राजधानी सहित प्रदेश के कई इलाकों में अभी भी कंजक्टीवाइटिस यानी पिंक आई का प्रकोप अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। 15 दिन पहले जिस तरह की रफ्तार थी, उस तेजी से अभी नहीं फैल रहा है, लेकिन संक्रमित के संपर्क में आने वाले बच नहीं रहे हैं। 5-6 दिन बाद ही मरीजों को राहत मिल रही है।
अंबेडकर अस्पताल सहित आंखों के प्राइवेट अस्पतालों में कंजक्टीवाइटिस के रोज मरीज पहुंच रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल में पीड़ितों के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया है। वहां औसतन दो दर्जन नए पुराने मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अंबेडकर अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार कंजक्टीवाटिस के ज्यादातर मरीज अभी भी वायरल वाले हैं। वायरल पीड़ित मरीजों की आंखों में कीचड़ नहीं आता, लेकिन आंखें लाल और बुरी तरह से सूज रही है। इस दौरान आंखों से पानी भी काफी बह रहा है।
आंखों की लालिमा और सूजन दो-तीन दिन बाद भी कम नहीं हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल इंफेक्शन ज्यादा परेशान कर रहा है। आंखों से कीचड़ आने वाले मरीज दो से तीन दिन में पूरी तरह से ठीक हो रहे हैं। आंखों में ड्राप डालने के बाद से ही उन्हें राहत मिल रहा है। ये सामान्य कंजक्टीवाइटिस है, लेकिन वायरल इंफेक्शन कई तरह का होता है। इसलिए विशेषज्ञ उसे सामान्य नहीं मान रहे हैं।