acn18.com कोरबा/ रेलवे के मंडल और जोन से लेकर बोर्ड चेयरमैन तक कोरबा की जनता के साथ छलावा करने पर उतारू हैं। रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनय त्रिपाठी के कोरबा जिला प्रवास दौरान यात्री सुविधाओं को लेकर जनप्रतिनिधियों ने उनसे मिलना चाहा। समय देने और 2 घंटे तक इंतजार करने के बाद भी चेयरमैन से भेंट नहीं कराई गई। नाराज जनप्रतिनिधियों ने डीआरएम को खरी-खोटी सुनाई। मौके पर काफी नोकझोंक भी हुई। रेलवे के रवैया से नाराज कोरबा विकास समिति रेल ने इस मसले पर 12 जुलाई को शाम 5:00 बजे बैठक तय की है
कई पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन कोरबा गेवरा रोड से नहीं चल रही हैं और इसे लेकर यात्री हलाकान है। जबकि माल गाड़ियों से कोयला ट्रांसपोर्टिंग पूरी रफ्तार से जारी है। इन सबके बीच रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनय त्रिपाठी कोरबा जिले के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंचे। सबसे आपत्तिजनक बात यह रही कि जिला मुख्यालय में ना तो वे जनप्रतिनिधियों से मिले और ना ही मीडिया से। नागरिकों से मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इससे भड़के लोगों ने सबसे पहले विरोध के तौर पर स्टेशन में हंगामा किया और फिर मुख्य मार्ग मैं रेलवे क्रॉसिंग के पास बोर्ड चेयरमैन के सैलून के निकलने के दौरान प्रदर्शन करते हुए आंख खोलने की कोशिश की।
प्रदर्शन से हरकत में आए रेल प्रबंधन ने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि एसईसीएल के गेवरा हाउस में उन्हें बोर्ड चेयरमैन से भेंट करने का समय दिया जाएगा। मंडल और जोन के अधिकारी कितना सही बोल रहे हैं इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को नहीं थी इसलिए यह सभी विश्वास में आकर गेवरा चले गए। वहां काफी देर तक चेयरमैन से मिलने की प्रतीक्षा होती नहीं। 2 घंटे का समय यूं ही जाया हो गया लेकिन चेयरमैन की ओर से गणमान्य लोगों से मिलने के लिए बुलावा नहीं भेजा गया। पूछताछ करने पर कहां गया कि सीजीएम कार्यालय मैं उनकी मुलाकात कराई जाएगी। जिस पर पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर सहित जनप्रतिनिधि वहां भी पहुंच गए लेकिन तब भी कोई परिणाम नहीं आया। इसके बाद यह सभी गेवरा हो वापस आ गए। ईस दौरान डीआरएम को निशाने पर लिया गया और जमकर लताड़ लगाई गई। इसी के साथ नारेबाजी भी की गई। हालात ऐसे हो गए कि डीआरएम को लोगों को जवाब देते नहीं बना।
डीआरएम के रवैया से लोग इतने नाराज हो गए कि उन्होंने मौके पर उन्हें चेतावनी दी कि कोरबा के मामलों में बोर्ड चेयरमैन अगर इतने ही ज्यादा लापरवाह है तो हम भी देखते हैं कि माल गाड़ियों से कोयला आगे भेजने का काम कैसे किया जाता है।
जनप्रतिनिधियों को लॉलीपॉप देने के अंदाज में रेलवे के अधिकारी चाह रहे थे कि किसी भी तरह मामले को निपटाया जाए। एक मौके पर उन्होंने पूर्व ग्रह मंत्री और रामपुर क्षेत्र के विधायक ननकीराम कंवर के साथ बातचीत करने की योजना बनाई गई लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हुआ।
पता नहीं क्या सोचकर रेलवे के अधिकारियों ने बोर्ड चेयरमैन विनय त्रिपाठी को ना तो जनप्रतिनिधियों से मिलने दिया, ना मीडिया से और ना ही नागरिकों से। स्थिति ऐसी कर दी गई थी कुछ स्थानों पर आरपीएफ के जवानों को यहां-वहां लगा दिया गया ताकि वे संबंधित लोगों को गुमराह कर सके। और ऐसा हुआ भी। रेल मंडल के अधिकारियों ने चोरों जैसे अंदाज में रेलवे बोर्ड चेयरमैन को गेवरा से अन्यत्र भेजने की व्यवस्था करते हुए एक तरह से सफलता हासिल कर ली । और जनहित के मुद्दों पर चेयरमैन से मिलने की आस लगाए कोरबा से गेवरा के चक्कर लगाने वाले जनप्रतिनिधि ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। इन सभी ने कोरबा विकास समिति रेल के बैनर तले 12 जुलाई को शाम 5 :00 बजे प्रेस क्लब तिलक भवन में बैठक बुलाई है यहां पर रेल संबंधी मुद्दों को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी ताकि रेलवे को समुचित जवाब दिया जा सके। इस दौरान मौके परं रामपुर विधायक ननकीराम कंवर,अग्रवाल सभा के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया,वरीष्ठ पत्रकार किशोर शर्मा,प्रेस क्लब कोरबा के संरक्षक कमलेश यादव,प्रेस क्लब कोरबा के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव,निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल, चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष योगेश जैन,ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.पी. तिवारी,रामकिशन अग्रवाल,कन्हैया कलवानी, प्रेम मदान,मनोज अग्रवाल, चेंबर आफ काॅमर्स के सचिव विनोद अग्रवाल, महापौर राजकिशोर प्रसाद,सभापति, जिला कांग्रेस कमेटी के ग्रामीण अध्यक्ष सुरेंद्र जायसवाल,कुसमुंडा के पार्षद अमरजीत सिंह राताखार वार्ड के पार्षद रवि चंदेल गेवरा से तनवीर अहमद समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
रेलवे बोर्ड के चेयर मैन पहुंचे कोरबा, कोरबा विकास समिति से नहीं की मुलाकात