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आईपीएस दीपका के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता शिक्षा भूषण अवार्ड से हुए सम्मानित,समस्त विद्यालय में हर्ष का माहौल,सभी स्टाफ ने दी बधाइयां।

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Acn18.com/शिक्षा कोई मंजिल नहीं है यह एक शाश्वत यात्रा है शिक्षा या ज्ञान के बिना जीवन निरर्थक है। जिसने शिक्षा के महत्व को जाना और समझा उसने निश्चित ही समाज और राष्ट्र का नाम रोशन किया है। ज्ञान वह अमूल्य खजाना है जिसे कोई चुरा नहीं सकता और इसे जितना अधिक बांटा जाएगा उतना ही अधिकयह बढ़ जाता है।इन सभी बातों को अक्षरशः सत्य साबित करते हुए इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने शिक्षा के क्षेत्र में और नवाचारों का उपयोग कर रोचक शिक्षा प्रदान करने के क्षेत्र में विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई और अद्वितीय योगदान दिया। तब से काम करते हुए, उन्होंने विभिन्न स्कूलों का नाम रोशन किया है और वर्तमान में पिछले 6 वर्षों से इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में कार्यरत हैं और अपनी अनूठी कार्यशैली और शोध के माध्यम से बहुत कम समय में स्कूल को सफलता की ऊंचाइयों को छूने में मदद की है। इंडस पब्लिक स्कूल, दीपका के इनोवेटिव प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता का मानना है कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं। एक उत्कृष्ट समाज का निर्माण करना है। त्याग, धैर्य, दान, साहस जैसी मानवीय भावनाओं की नींव स्कूल से ही शुरू होती है। मेरा एकमात्र उद्देश्य समाज सेवा, सशक्त राष्ट्र निर्माण, विद्यार्थियों में उच्च मानवीय मूल्यों की स्थापना करना है। वर्तमान में डॉ. संजय गुप्ता इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं।डॉ. संजय गुप्ता को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने पिछले 40 वर्षों से लगातार शिक्षा का प्रसार कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। डीएवी. डीडीएम. कोरबा में अपनी सेवाएँ देने के बाद वे वर्तमान में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. संजय गुप्ता का एकमात्र ध्येय उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से चरित्र और राष्ट्र का निर्माण करना है। डॉ. संजय गुप्ता छात्रों में चरित्र निर्माण के लिए समय-समय पर स्कूल में प्रेरक वक्ताओं के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से भी छात्रों को परिचित कराते हैं। उन्होंने एम फिल (गणित) की डिग्री हासिल की है। एम.एड., एमबीए(एचआर), पीएचडी (गणित एवं शिक्षा) और डी लिट (गणित) और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया शिक्षा का मतलब किताबी ज्ञान नहीं है, बल्कि शिक्षा वह है जो मनुष्य को मानवीय मूल्यों के प्रति जागरूक करे।

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