acn18.com कोरबा/एक दशक से ज्यादा समय बीतने के बाद भी कोरबा वन मंडल में हाथियों के उत्पात की समस्या जस की तस बनी हुई है। कई प्रकार की योजनाएं और उनके क्रियान्वयन के बाद भी नतीजे सिफर हैं। इस बीच अब हाथियों की निगरानी करने के लिए वन विभाग पेट्रोलिंग कैंप कर रहा है।
कोरबा जिले में दो वन मंडल के अंतर्गत जंगली जानवरों की आमदरफ्त बने रहने के बीच सबसे अधिक चर्चा हाथियों को लेकर हो रही है। झारखंड और उड़ीसा के रास्ते कोरबा जिले में प्रवेश करने वाले हाथियों के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को नुकसान पहुंचाने के साथ फसल और अन्य संपत्ति भी चौपट की जा रही है। प्रकार की घटनाएं लगातार विभिन्न क्षेत्रों में हो रही हैं और लोगों की परेशानियों में इजाफा हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए वन मंडल कोरबा ने कई इलाकों में पेट्रोलिंग कैंप शुरू किया है ताकि हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा सके।
वन मंडल अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलिंग कैंप के अलावा विभाग की ओर से पब्लिक रेस्क्यू कैंप भी चलाए जा रहे हैं ताकि हाथियों प्रवेश करने की स्थिति में उनकी रक्षा हो सके।
कोरबा जिले में हाथियों के हमले में बीते वर्षों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है आज उन्हें अलग-अलग तरह से नुकसान भी हुआ है। जनहानि के मामलों में वन विभाग ने दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि को 4:00 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए किया हुआ है। फसल और संपत्ति के नुकसान के मामलों में उपलब्ध कराई जाने वाली राहत का भी पुनरीक्षण किया गया है ताकि प्रभावित पक्ष को सहूलियत हो सके।