Acn18.com/कोरबा जिले में लोगों को किफायती परिवहन सुविधा देने के लिए कोरबा अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी के माध्यम से सिटी बसें चलाई जा रही हैं। इसके जरिए हर दिन बड़ी संख्या में अलग-अलग मार्ग पर आवागमन करने वाले लोग लाभान्वित हो रहे हैं। दूसरी और कई कारणों से सिटी बस एवं ऑटो चालकों के बीच तनातनी बनी हुई है और इसे लेकर टकराव भी हो रहा है। एक बार फिर ऐसा ही मामला प्रकाश में आया और इसके चलते गर्मी के मौसम में आम लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
कोरबा से रेलवे स्टेशन कटघोरा बालको नगर राजगामार भिलाई बाजार, चांपा और दीपिका मार्ग पर सिटी बसों का संचालन प्रशासन के द्वारा नियोजित एजेंसी के द्वारा चलाई जा रही है। पिछले वर्षों से इसका आकर्षण बना हुआ है और लोग इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इसके साथ ही अलग-अलग कारण बताते हुए ऑटो चालकों के द्वारा आपत्ती जताने का काम भी जा रही है इसी को लेकर आए दिन विवाद के हालात निर्मित हो रहे हैं। दूसरे जिले से कोरबा रेलवे स्टेशन पहुंचे यात्री कटघोरा की तरफ से जा रहे थे। राजगामार जाने वाली बस में बैठने और ट्रांसपोर्ट नगर से दूसरी व्यवस्था प्राप्त करने का उनका इरादा था। बस स्टैंड पहुंचने पर इसी बात को लेकर सिटी बस स्टॉप और ऑटो चालकों का विवाद हो गया। इस दौरान कई यात्रियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि स्टेशन में कोई विकल्प नहीं मिलने पर वे लोग बस में स्वेच्छा से बैठे थे। बस स्टैंड पहुंचने के बाद यह तमाशा हुआ और उन्हें अनावश्यक परेशानी हुई।
सिटी बस के चालक ने बताया कि उनका काम स्टेरिंग संभालने का होता है जबकि सवारियों को बैठाने की जिम्मेदारी स्टाफ की है। कौन व्यक्ति कहां जाने वाला है इसका पता तब चलता है जब टिकट काटने की बारी आती है।
सिटी बस के परिचालक सुनीता कंवर का आरोप है कि इस मामले को लेकर ऑटो चालकों ने उसके साथ बदतमीजी की। पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई है। सुनीता ने तर्क दिया कि बस में सवार लोग अपनी सुविधा के लिए बैठे थे और उन्हें इस बात की जानकारी थी कि अगला कनेक्शन ट्रांसपोर्ट नगर बस स्टैंड से मिलने वाला है।
पूरे घटनाक्रम को लेकर जिला ऑटो संघ के अध्यक्ष गिरिजेश सिंह ठाकुर सामने आए और उन्होंने फिजूल की हरकतों पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि सिटी बसों में महिला स्टाफ की मनमानी बढ़ी हुई है और इन कारणों से ऑटो चालकों के मनोबल को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कोविद के समय से ही हमारे सामने परेशानियां हैं। अगर इस तरह की मनमानी नहीं रुकेगी तो हम लोगों को अप्रिय कदम उठाना पड़ सकता है।
कोरबा जिले में लगातार सामने आ रही इस तरह की घटनाओं में सिटी बस का स्टाफ अपनी सफाई देता है और ऑटो चालक बताते हैं कि वास्तविक समस्या क्या है। बार-बार हो रहे इस तरह के मामले नगर के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं हो सकते इसलिए इसका सार्थक समाधान ढूंढने का प्रयास प्रशासन के अधिकारियों को करना चाहिए।