acn18.com कोरबा /कोरबा में जिस गति से धान की खरीदी चल रही है उस गति से उठान नहीं हो पा रहा है। हालांकि धान को किसी तरह का नुकसान न हो इस कारण समितियों में छुट्टी के दिन भी धान उठाव का काम किया जा रहा है। धान का उठाव तेज गति से न हो पाने की मुख्य वजह मिलरों द्वारा पर्याप्त वाहन मुहैया नहीं करा पाना है। समितियों में धान जाम पड़ा हुआ है। ऐसे में अगर बारिश होती है,तो नुकसान का आंकड़ा प्रशासन और समिती प्रबंधकों को नुकसान पहुंचा सकता है।
कोरबा जिले के विभिन्न समितियों में पड़े धान का उठाव करना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। जिस गति से धान की खरीदी चल रही है उस गति से उठाव नहीं हो पा रहा है जिससे समिती प्रबंधकों कों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले के लगभग सभी केंद्रो में धान की बंपर खरीदी हो चुकी है। केंद्रो में धान की बोरियों का पहाड़ लग चुका है लेकिन उनका उठाव नहीं हो पा रहा है। हालात कितने गंभीर हो चुके है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि कर्मचारी छुट्टी के दिन भी धान का उठाव करवाने में लगे हुए है। रविवार को हम धान खरीदी केंद्र दादर पहुंचे जहां कर्मचारियों बताया,कि मिलरों के द्वारा पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिससे समस्या बढ़ती जा रही है। अगर तय समय में धान का उठाव नहीं हो पाया तो धान का नुकसान भी हो सकता है।
दादर की तरह ही जिले के लगभग सभी धान खरीदी केंद्रो में धान का बंपर स्टॉक लगा हुआ है। इक्का-दुक्का वाहन के जरिए धान का उठाव किया जा हरा है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। प्रशासन को मिलरों पर दबाव बनाने की जरुरत है ताकी वाहन की संख्या बढ़ सके और तय समय पर धान का उठाव हो सके।
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