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देश भर में चलेगा हमारी संस्कृति, हमारी पहचान अभियान, संस्कार भारती के कार्यक्रम में बोले महाभारत के कृष्ण फेम नीतिश भारद्वाज

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Acn18.com/रामानुजगंज बलरामपुर, संस्कार भारती द्वारा स्थानीय गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नीतिश भारद्वाज लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां कार्यक्रम में संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के हैसियत में आया हूं। देश भर में “हमारी संस्कृति हमारी पहचान” कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसकी शुरुआत रामानुजगंज से हो रही है। हम सबको अपनी संस्कृति पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए उन्होंने कहा कि हम सबको नहीं भूलना चाहिए हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है।

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श्री भारद्वाज ने कहा कि 1999 में राजनीति सभा को संबोधित करने आपके जिले में आया था। आज दूसरी बार संस्कार भारती के माध्यम से भारत का नागरिक होने के नाते जो मेरा कर्तव्य है उसे लेकर मैं आप सबके बीच आया हूं। उस समय आने का उद्देश्य कुछ और था अभी आने का उद्देश्य कुछ और है “हमारी संस्कृति हमारी पहचान” राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का शुभारंभ रामानुजगंज की पावन धरा से हो रही है।

भारत शब्द पर आपत्ति करने वाले लोग भी भारत में उत्पन्न हो गए हैं हमारी संस्कृति क्या है । हमारी सभ्यता क्या है। किस प्रकार से वह हमारी पहचान है ? पुनः समाज के सामने इस बात को रखना आवश्यक हो गया है। श्री कृष्ण का किरदार मैंने निभाया जितना प्यार एवं सम्मान मुझे मिला इसके बाद मेरी समाज में जोबदारी भी बन जाती है जिसे मैं पूरा कर रहा हूं। पत्रकारवार्ता के दौरान संस्कार भारती के राष्ट्रीय एवं प्रांत स्तरीय स्तर के पदाधिकारी एवं संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इंडिया शब्द को हटाया जाए

नितीश भारद्वाज ने कहां की रामानुजगंज की पावन धरा से में मांग करता हूं कि भारत सरकार अंग्रेजों के दिए गए शब्द इंडिया को हटाए। उन्होंने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों का दिया हुआ है यह शब्द बिल्कुल हटना चाहिए। आज रामानुजगंज से यह मांग में भारत सरकार से करता हूं इस मांग को पुरजोर तरीके से हर मंच पर उठाता रहूंगा।

गीता में श्री कृष्ण ने कहा है मैं भी सनातन हूं ….. नितीश भारद्वाज ने कहा कि सनातन शब्द को समझना जरूरी है। गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं भी सनातन हूं। आत्मा भी सनातन है। समाज में जो अचेतन वर्ग है उसकी चेतना को पुनः जागृत करना है।

धर्म परिवर्तन के मैं खिलाफ हूं……

मैं धर्म परिवर्तन के खिलाफ हूं मेरा कहना है कि आपकी अनुकंपा धर्म परिवर्तन के बाद ही क्यों जागृत होती है। जो धर्म परिवर्तन करते हैं मेरा उनसे कहना है कि पहले जंगल में जाय और पहले कुछ पशु पक्षी के धर्म परिवर्तन करके दिखाएं। उन्होंने कहा कि पशुओं पक्षियों प्राणियों वन संपदा प्रकृति सब का एक अपना धर्म है उनमें से किसी एक का धर्म परिवर्तन करके दिखाएं। आपकी अनुकंपा मानवता के प्रति होनी चाहिए।

सामाजिक संगठन ने किया सम्मान

मंच पर नितीश भारद्वाज के साथ 35 विभिन्न समाज के प्रमुख लोग एवं सामाजिक संगठन के लोगों को जगह दी गई थी, जिन्हें संस्कार भारती के द्वारा सम्मानित किया गया। वहीं समाज के लोगों एवं सामाजिक संगठनों के द्वारा नितीश भारद्वाज का सम्मान किया गया।

देवतुल्य बच्चों का पुष्प वर्षा से स्वागत, की आरती

कार्यक्रम में सैकड़ो बच्चे राम, कृष्ण, सीता हनुमान, राधा सहित अन्य स्वरूप धारण करके आए थे बच्चों का पुष्प वर्षा के साथ आरती नितीश भारद्वाज के द्वारा किया गया इस दौरान पूर्व मंत्री राम विचार नेताम,संस्कार भारती के छग अध्यक्ष रिखी क्षत्रिय, महामंत्री हेमन्त माहुलिकर, सह महामंत्री डॉ पुरुषोत्तम चंद्राकर, सरगुजा संभाग संयोजक पवन पांडेय, जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष अंजय कुमार मेहता व अन्य ने सहयोग दिया। भारत माता की आरती के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ

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