Acn18.com/वन नेशन वन इलेक्शन यानी एक देश एक चुनाव को लेकर 8 मेंबर्स की कमेटी की आज पहली मीटिंग हो सकती है। दोपहर 3 बजे कमेटी के चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आवास पर यह बैठक हो सकती है।
बैठक में कोविंद के अलावा गृह मंत्री अमित शाह समेत 7 सदस्य शामिल होंगे, जबकि लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पहले ही इस कमेटी में काम करने से इनकार कर चुके हैं।
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर को एक कमेटी बनाई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर नियुक्त किए गए। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी की बैठकों में स्पेशल मेंबर के तौर पर शामिल होंगे।
एक देश-एक चुनाव पर बिल ला सकती है सरकार
सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार एक देश, एक चुनाव पर बिल ला सकती है। इससे पहले कानून मंत्रालय ने कमेटी बनाई है। इसका मकसद कानून के मौजूदा ढांचे को ध्यान में रखते हुए देश में एकसाथ चुनाव कराने को लेकर जांच करना है। इसमें जांच की जाएगी कि लोकसभा, विधानसभा, नगर पालिका और पंचायतों के चुनाव एक साथ हो सकते हैं या नहीं।
वन नेशन, वन इलेक्शन या एक देश-एक चुनाव का मतलब हुआ कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हों। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।
मई 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई, तो कुछ समय बाद ही एक देश और एक चुनाव को लेकर बहस शुरू हो गई। PM नरेंद्र मोदी खुद कई बार वन नेशन, वन इलेक्शन की वकालत कर चुके हैं। संविधान दिवस के मौके पर एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था- आज एक देश-एक चुनाव सिर्फ बहस का मुद्दा नहीं रहा। ये भारत की जरूरत है। इसलिए इस मसले पर गहन विचार-विमर्श और अध्ययन किया जाना चाहिए।