कोरबा में महिला व बाल विकास विभाग के दफ्तरों की स्थिती बद से बदतर हो चली है। मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर हो चले हैं जिसके कारण बच्चों और गर्भवति महिलाओं को पोषण देने वाले विभाग के कार्यालय कुपोषण की मार झेल रहे है। जिला मुख्यालय के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के भवनों की भी स्थिती काफी खराब हो चुकी है। कई बार पत्राचार करने के बाद विभागीय कर्मियों की सुनने वाला कोई नहीं है।
कोरबा जिले में महिला व बाल विकास विभाग से संबंधित कार्यालय और भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे है। मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर होकर खंडहर का रुप लेते जा रहे रहे हैं बावजूद इसके मरम्मत को लेकर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालात कितने गंभीर है इसका अंदाजा करतला के परियोजना कार्यालय को देखकर असानी से लगाया जा रहा सकता है,जहां बारिश का पानी छत से टपक रहा है और उससे बचने कर्मचारी तिरपाल का सहारा ले रहे है। हमने कुछ दिन पहले ही जिला मुख्यालय में मौजूद मुख्य कार्यालय के तस्वीर आपको दिखाई थी
जहां सिपेज के कारण छत्तीसगढ़ महतारी और मुख्यमंत्री की तस्वीरें खराब होने लगी थी। भवनों की ऐसी दशा पूरे जिले में है। विभागीय कार्यालयों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रो की भी यही स्थित है अकेले करतला ब्लाॅक के 35 केंद्र पूर्ण रुप से जर्जर हो चुके हैं जिनकी मरम्मत या फिर नए भवन की मांग परियोजना कार्यालय द्वारा पिछले लंबे समय से की जा रही है लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा और नौनीहाल खतरे के साए में अक्षर ज्ञान ले रहे है। कार्यालय और आंगनबाड़ी भवनों की स्थिती अगर ऐसी ही रही तो वो दिन दूर नहीं जब कोई बड़ा हादसा हो जाए और लोगों की जान सांसत में फंस जाए।