डोनेशिया से आए कलाकारों की प्रस्तुति
जैसे जैसे उत्साह बढ़ता है कहानी बढ़ती है। संगीत तीव्र होता जाता है।
आंखों की मुद्राओं से बताया जा रहा है कि किस तरह सीता जी का हरण हुआ।
दर्शकों के लिए चकित करने वाला दृश्य।
बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों के अद्भुत सुरों के साथ बढ़ रही रामकथा।
केवल भाव मुद्रा में ही पूरे प्रसंग का जीवंत वर्णन।
यह बड़ी बात है कि इस कला में उनकी सांस्कृतिक धरोहर भी है और राम जैसे उदात्त चरित्र को अपनाने की चेष्टा भी।
रावण का प्रवेश हुआ और अब रावण की हरण की चेष्टा दिख रही है।
खास बात यह है कि सीता जी का स्पर्श किये बगैर अपनी चेष्टाओं से ही कलाकार ने रावण द्वारा हरण का दृश्य दिखाया