acn18.com पोड़ी उपरोड़ा/ प्रसव पीड़ा से जूझ रही मेरई गांव एक आदिवासी महिला को समय पर सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी। इसके अभाव में घर पर ही उसका प्रसव कराया गया। हालत बिगड़ने पर महिला और नवजात को सरकारी अस्पताल ले जाया गया। कुछ घंटे बाद कटघोरा सीएचसी में दोनों की मौत हो गई। कोरबा में इन्हें मृत घोषित किया गया और पंचनामा की कार्रवाई।
पोड़ी उपरोड़ा सब डिवीजन के अंतर्गत आने वाले मेरई गाव की निवासी प्रमिला नेति के दो बच्चे थे। इन दिनों वह गर्भवती थी। उसके पति राज सिंग ने बताया कि प्रसव पीड़ा बढ़ने पर सरकारी एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त करने के लिए लगातार संपर्क किया गया लेकिन जवाब मिला कि सभी वाहन व्यस्त हैं। ऐसे में गांव की ही मितानिन के जरिए घर पर प्रस्व संपन्न कराया गया।
कुछ घण्टे बाद स्वास्थ बिगड़ने पर पत्नी और बच्चे को जटगा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पर सामान्य उपचार के बाद चिकित्सक ने कटघोरा रेफर कर दिया। मौत को लेकर बताया गया कि कमजोरी के कारण यह घटना हुई। अगर समय पर एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त होती और अस्पताल में प्रसव होता तो अनहोनी को रोका जा सकता था।
पुलिस ने इस मामले में मृतका के परिजनों का बयान लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर उन कारणों का पता चल सकेगा जो महिला के मौत के लिए जिम्मेदार बने।
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