acn18.com / आज महावीर स्वामी जी की जयंती है. महावीर जयंती हिंदू पंचांग की तिथि के अनुसार हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाई जाती है. भगवान महावीर जैन धर्म के 24 तीर्थकरों में से 24वें तीर्थकर माने जाते हैं. भगवान महावीर (Mahavir Bhagwan) करीब 599 ईसा पूर्व बिहार में हुआ था. भगवान महावीर का जन्म बिहार के कुंडलपुर राज घराने में हुआ था. इनका बचपर का नाम वर्धमान था. भगवान महावीर ने 30 साल की उम्र में ही सन्यास ले लिया था. तो चलिए इस साल महावीर जयंती की तारीख (Mahavir Jayanti 2023 Date) और महावीर भगवान की पूजा के बारे में जानते हैं.
महावीर जयंती 2023 तारीख
महावीर जयंती चैत्र माह की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को मनाई जाती है. यह तिथि 3 अप्रैल 2023 को सुबह 6ः24 बजे शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 4 अप्रैल को सुबह 8ः05 बजे होगा. सुर्योदय तिथि को महत्व देते हुए महावीर जयंती 4 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस वर्ष महावीर भगवान का 2621वां जन्मदिवस मनाया जाएगा.
महावीर जयंती 2023 पूजा
जैन धर्म के लोग महावीर जयंती बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन उनके भक्त कई अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं. महावीर भगवान की शोभायात्राएं भी निकाली जाती है. ऐसा कहा जाता है कि महावीर जी ने कठोर तप के बाद अपनी इंद्रियों पर विजय पा ली थी.
भगवान महावीर के पंचशील सिद्धांत
भगवान महावीर ने व्यक्ति को जीवन में पालन करने के लिए सिद्धांत बताएं हैं. इन्हें पंचशील सिद्धांत कहते हैं. यह सिद्धांत सच्चे और अच्छे जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है.
महावीर जयंती का महत्व
जैन धर्म में महावीर जयंती का पर्व बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन प्रभात फेरी अनुष्ठान और शोभायात्रा जैसे आयोजन किए जाते हैं। महावीर ने मोक्ष प्राप्ति के लिए पांच नियम स्थापित किए हैं जिन्हें पंच सिद्धांत के नाम से जाना जाता है और वह है अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, सत्य और अपरिग्रह।
महावीर जयंती के दिन भगवान महावीर की पूजन अर्चन करने के साथ उनके दिए गए उपदेशों का स्मरण करने के साथ इन सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया जाता है और कई तरह के धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
भगवान महावीर के विचार
देश और दुनिया को सही राह पर लाने और मनुष्यों को रास्ता दिखाने के लिए वैसे तो भगवान महावीर ने कई सारे उपदेश दिए हैं, लेकिन उनमें से आज हम आपको कुछ विचारों की जानकारी देते हैं, जिन्हें आप अपने जीवन में उतार कर इसे सार्थक बना सकते हैं।
- हर एक जीवित प्राणी के ऊपर दया करनी चाहिए, ईर्ष्या करने से सिर्फ विनाश होता है।
- खुद पर जीत हासिल करो क्योंकि यह एक चीज लाखों शत्रु पर विजय पानी से बेहतर है।
- ईश्वर का अस्तित्व अलग नहीं है, सही दिशा में मेहनत और प्रयास कर उन्हें पाया जा सकता है।
- हर आत्मा में आनंद और सर्वज्ञ समाहित है। ये हमारे अंदर ही मौजूद है इसे बाहर ढूंढने की कोशिश व्यर्थ है।
- सत्य प्रकाश से प्रबुद्ध होने वाला बुद्धिमान व्यक्ति मृत्यु से बहुत ऊपर उठ जाता है।
अपरिग्रह- व्यक्ति का किसी भी वस्तु से लगाव नहीं होना चाहिए. एक समय पर व्यक्ति को सभी चीजों का त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए.