Acn18.com/कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। निजी स्वार्थों की सिद्धी के लिए पंचायत प्रतिनिधी सरकार को चूना लगाने में जरा भी परहेज नहीं कर रहे। करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत बेहरचुआं में एक ग्रामीण के डबरी निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार किया गया हैं। मनरेगा के तहत करीब दो लाख रुपयों की लागत से डबरी बनाया गया है जिसे देखकर नहीं लगता,कि इतना राशि खर्च की गई होगी। इस मामले को लेकर रोजगार सहायक की भूमिका पर वाल उठाए जा रहे है।
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार मुहैया के कराने के लिए सरकार द्वारा मनरेगा योजना का संचालन किया जा रहा है लेकिन इसी योजना के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधी भ्रष्टाचार कर अपनी जेबों को गर्म करने में लगे हुए है। करतला ब्लाॅक के ग्राम पंचायत बेहरचुआं में समार सिंह नामक ग्रामीण के डबरी निर्माण में सरकारी राशि का जमकर दुरुपयोग किया गया। मनरेगा के तहत डबरी का निर्माण किया गया है जिसकी लागत कागजों में 1 लाख 92 हजार 881 रुपए दर्शायी गई है और उसका आहरण भी कर लिया गया हैं। लेकिन डबरी की स्थिती को देखकर नहीं लगता,कि इतनी राशि खर्च की गई होगी। समार सिंह ने बताया,कि करीब 20 दिन तक काम चला। कहा जा रहा है,कि रोजगार सहायक ने उन लोगों के नाम से भी पैसों का आहरण कर लिया है जिन्होंने काम तक नहीं किया। कुल मिलाकर डबरी के निर्माण सरकारी राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है।
इस संबंध में जब हमने पंचायत के उपसरपंच से बात की तब उन्होंने बताया,कि बिना प्रस्ताव के ही डबरी का निर्माण कर दिया गया है और पचंायत को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई है। इस विषय को लेकर उपसरपंच ने भी रोजगार सहायक की भूमिका पर सवाल उठाया है।
ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले विकास के काम हमेशा से ही सवालों के घेरे मेें रहे है। कभी सरपंच सचिवों के कारण तो कभी रोजगार सहायकों के चलते। इस तरह के मामलो में प्रशासन को विशेष गंभीरता दिखाने की जरुरत है ताकी सरकारी राशि का दुरुपयोग न हो सके।