acn18.com कोरबा/महिलाओं और बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को भेजे जाने वाले रेडी टू ईट की भारी मात्रा एक वाहन से मिली है। रामपुर पुलिस ने इस सामान के साथ वाहन को जप्त किया है। खबर के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में इस सामान की आपूर्ति होनी थी जबकि इसे कोरबा में खपाने की कोशिश की जा रही थी।
पिछले वर्ष बदली हुई व्यवस्था के अंतर्गत रेडी टू ईट की जिम्मेदारी महिलाओं के समूह से छीन ली गई और उसे दूसरे हाथों को सौंप दिया गया। इससे पहले इस काम को महिला समूह के हवाले किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ बीज निगम जिसे छत्तीसगढ़ एग्रो के नाम से भी जाना है जा रहा है उसके जरिए इस काम को संपादित करने की व्यवस्था बनाई गई है। जानकारी के अनुसार विकासखंड कोरबा के अंतर्गत जिलगा बरपाली क्षेत्र की आंगनवाड़ी में रेडी टू ईट की आपूर्ति कराई गई थी। संबंधित क्षेत्र में यह मात्रा का उपयोग करने के बजाय इसे मनमाने तरीके से कोरबा भेज दिया गया। एक गाड़ी में 108 बोरियों में यह सामान भेजने पर पुलिस की नजर पड़ी और उसे रुकवाने के साथ जब्त कर लिया गया।
आईसीडीएस के डीपीओ एमडी नायक से इस बारे में ग्रैंड एसीएन न्यूज़ ने बातचीत की और मामले को जानना चाहा। अधिकारी ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में सामानों की आपूर्ति की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ एग्रो को दी गई है और वही इस काम को कर रहा है। यह सब आखिर हुआ कैसे इस बारे में वाहन चालक को तलब किया गया है। अधिकारी ने बताया कि इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए फौरी तौर पर हमने छत्तीसगढ़ एग्रो को पत्र लिखा है। यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सामान भेजने की सूचना हमारे विभाग को उपलब्ध कराई जाए।
सरकार के द्वारा विभिन्न वर्गों का हित संवर्धन करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के पीछे प्रतिवर्ष करोड़ों की राशि खर्च की जाती हैं। बहुत सारे मामलों में अंधेर गर्दी करने की शिकायतें सामने आती रही हैं इसके पीछे सिस्टम से जुड़ी खामियों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। सवाल इस बात का है कि यह सिस्टम सुधरेगा कब।
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