KORBA:मानूसन लेकर ग्राम कनकी पहुंचे प्रवासी पक्षी, ग्रामीण पक्षियों को मानते हैं देवदूत, पक्षियों को भाती है कनकी की आबोहवा

Acn18.com/कोरबा, जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित कनकी में प्रवासी पक्षी एशियन ओपन बिल स्टार्क पहुंच गए हैं.प्यारे पक्षियों को देखकर ग्रामीणों के चेहरे भी खिल उठे हैं. ग्रामीण उन्हें मानसून और खुशियों का संदेश लेकर आने वाला देवदूत मानते हैं. प्रवासी पक्षियों ने कनकी में प्राचीन शिव मंदिर के आसपास पेड़ों पर अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है।

कनकी धाम प्राचीन शिव मंदिर के साथ ही प्रवासी पक्षियों के लिए भी मशहूर है. हैरानी की बात यह है कि पक्षी हजारों मील दूर सफर तय कर कनकी पहुंचते हैं लेकिन केवल कनकेश्वर मंदिर के इर्द-गिर्द मौजूद पेड़ों पर ही अपना घोंसला बनाते हैं.एशियन ओपन बिल स्टार्क को हसदेव नदी का पानी और कनकी का पर्यावरण खूब भाता है तभी तो मीलों का सफर तय कर प्रजनन के लिए हर वर्ष कोरबा आते हैं.ग्रामीणों ने बताया कि सावन के एक माह पूर्व असाढ़ में पक्षियों का आना शुरू हो जाता है.ये पक्षी पीपल,बरगद के बड़े पेड़ो पर अपना घोंसला बना कर अंडा देते है.अंडे से बच्चे निकलने और बच्चो को लंबी उड़ान सीखने तक पक्षी यहां रुकते है फिर वापस लौट जाते है।

ये पक्षी दक्षिण पूर्व एशिया का लंबा सफर तय कर कोरबा पहुंचते हैं. यहां की आबोहवा व पर्यावरण उन्हें अपनी ओर आकर्षित करता हैं.ग्रामीणों के साथ पक्षियों की देखरेख वन विभाग भी करता है. ग्रामीण इन प्रवासी पक्षियों को खुशहाली समृद्धि और अच्छी बारिश का प्रतीक मानते हैं ऐसे में इन पक्षियों को ग्रामीणों से किसी प्रकार का खतरा नहीं होता।

बारिश के मौसम में तेज आंधी और आकाशीय बिजली गिरने से पक्षियों और अंडों को कई बार नुकसान होता है इसको देखते हुए वन विभाग द्वारा आसपास तड़ित चालक लगवाए गए हैं. पक्षियों के अंडे और छोटे पक्षियों के पेड़ से गिरने पर उनकी मौत ना हो इसको देखते हुए पेड़ों के नीचे विभाग द्वारा नेट लगाया जाता है।