Acn18.com/कोरबा के सुभाष चैक पर कारगिल विजय दिवस के मौके पर पूर्व सैनिक सेवा संघ ने श्रद्धांजलि सभा का अयोजन कर उन शहीदों को याद किया जिन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया था। पूर्व सैनिकों ने शहादत पाने वाले सैनिकों को याद किया और पुष्प चक्र अर्पित कर देश की एकता और अखंडता की कामना की।
26 जुलाई, 1999 का वो दिन जो भारतीय सेना की जांबाजी, पराक्रम और बहादुरी के लिए जाना जाता है. यही वो दिन है जब भारत ने कारिगल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को धूल चटाई थी. भारत के सैकड़ों वीर जवानों की शहादत को याद करते हुए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस लड़ाई की शुरुआत 3 मई 1999 को हुई थी, जब पाकिस्तान ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5 हजार से ज्यादा सौनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था. जैसे ही भारतीय जवानों को इसकी भनक लगी तो पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया. जिसके बाद 26 जुलाई को भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया और भारत की जीत का ऐलान हुआ. कारगिल के युद्ध में देश के 527 जवान शहीद हुए थे जबकि 1400 सैनिक घायल हुए थे। उन्हीं जवानों को याद करते हुए कोरबा के पूर्व सैनिकों ने सुभाष चैक पर कारगिल विजय दिवस मनाया और पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें अदम्य साहस को याद किया।
पूर्व सैनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बताया,कि कारगिल युद्ध के दौरान कई देशों ने इस युद्ध को जीतना भारत के लिए असंभव बताया था लेकिन भारतीय सैनिकों की युद्ध नीति से पाकिस्तान परास्त हुआ। उन्होंने कहा,कि आज भी विदेशो के नव सैनिकों को कारगिल युद्ध के बारे में बताया जाता है,कि किस तरह भारतीय सैनिकों को जाबांजी का परिचय देते हुए उंची पहाड़ियों पर तिरंगा लहराया था।
कारगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मौके पर कोरबा के कई पुलिस अधिकारीयों,जनप्रतिनिधीयों,पूर्व सैनिकों के साथ ही आम जनता ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और शहादत पाने वाले वीर सैनिकों को पुष्पांजलि दी।