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कोरबा:कोरकोमा में 3 साल की बच्ची की हत्या का प्रयास, किसी तरह बचाई गई बालिका, ग्रामीण ने लगाई फांसी

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acn18.com कोरबा/ छत्तीसगढ़ सहित देश के कुछ हिस्सों में अपने स्वार्थ के लिए लोगों की बलि देने के मामले आए दिन प्रकाश में आते रहते हैं। कोरबा जिले के कोरकोमा गांव में एक ऐसी घटना को टाल दिया गया। इस दौरान उस बच्ची को बचा लिया गया जिसे मारने की कोशिश की जा रही थी बाद में संबंधित व्यक्ति ने एक कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने मर्ग कायम करने के साथ आगे कार्रवाई की बात कही है।

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कुल मिलाकर इस घटना को नरबलि से जोड़कर देखा जा रहा है। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर कोरकोमा गांव में यह घटना हुई है। रजगामार पुलिस चौकी के अंतर्गत यह गांव आता है जहां पर सवा 3 साल की बालिका को अपने कब्जे में लेकर उसे मारने की तैयारी व्यक्ति कर रहा था, जिस की मानसिक दशा 24 घंटे पहले से अचानक खराब हो गई। उस व्यक्ति का नाम होरीलाल बताया गया है, जिसकी बाद में संदेहास्पद हालात में मौत हो गई। घटनाक्रम को लेकर होरीलाल कंवर के भाई बलिराम ने बताया कि गांव में एक जगह निकासी कराई जा रही थी, उसमे शामिल होने के बाद उसके भाई की हालत खराब हो गई थी। और भाई अजीबोगरीब हरकत कर रहा था।

किसी तरह उसे काबू में किया गया। दोपहर तक वह ठीक रहा और फिर किसी को बिना बताए घर से कहीं चला गया। कुछ घंटे बाद कई तरह की बातें हुई और दूसरों से पता चला कि एक स्थान पर पहुंचने के साथ उसने अपने आप को एक कमरे में बंद कर लिया। उस जगह पर उसे फांसी के फंदे पर लटका पाया गया। कोरकोमा गांव में घटनाक्रम को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि एक बच्चे को अगवा करने के साथ गांव का एक व्यक्ति जंगल की तरफ ले जा रहा था। उसने बालिका के गले में हंसिया लगा रखा था। ऐसे में हर कोई डरा हुआ था कि आगे क्या होने वाला है।

कोरकोमा गांव के आंगनबाड़ी में पढ़ने वाली उस बालिका ने संक्षिप्त ने बताया कि उसके साथ क्या हुआ और वह कैसे बची।पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति के असामान्य हरकत करने के बाद एक जगह जाकर छुप जाने की सूचना मिलने पर पुलिस पार्टी वहां पहुंची थी। आवश्यक प्रयास करने से पहले संबंधित व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली। मामले में आगे जांच पड़ताल की जा रही है।

कोरकोमा गाव में हुए घटनाक्रम को लेकर लोगों में डर बना हुआ है। लोगो को मालूम है कि कथित रूप से की गई पूजा के बाद होरीलाल की मानसिक दशा बिगड़ गई थी। ऐसे में उसे पता ही ही नही रहा कि वह कर क्या रहा है। इलाके कोई भी हो वहां की शांति और खुशहाली के लिए अच्छे काम करने की जरूरत है ना की जादू टोना और दूसरे टोटके।

कोरबा:अस्पताल बना राजनीति का अखाड़ा ,ग्रामीणों को उठानी पड़ रही दुश्वारी ,प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

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