spot_img

कोलकाता रेप, पीड़ित के पेरेंट्स दोषी को फांसी नहीं चाहते:बोले- बेटी की जान गई, संजय की नहीं जाना चाहिए; पहले उम्रकैद की सजा से संतुष्ट नहीं थे

Must Read

Acn18.com/कोलकाता रेप-मर्डर केस में पीड़ित मेडिकल स्टूडेंट के माता-पिता दोषी संजय रॉय को अब फांसी की सजा देने के खिलाफ हैं।

- Advertisement -

पीड़ित के माता-पिता की वकील गार्गी गोस्वामी ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया कि उनका कहना है कि हमारी बेटी की जान गई, इसका यह मतलब नहीं कि संजय की जान भी जाए।

सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को 20 जनवरी को उम्रकैद (मरते दम तक जेल) की सजा सुनाई थी। पश्चिम बंगाल सरकार और CBI ने सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट से फांसी की सजा मांगी है।

उसी दिन माता-पिता ने भी कहा था कि वे दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के सेशन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। सेशन कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलने के बाद हम हाईकोर्ट जाएंगे। ​​​​​​

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को CBI और बंगाल सरकार की ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। दोनों ने दोषी संजय को फांसी की सजा की देने की अपील की है।

CBI ने बंगाल सरकार की याचिका का विरोध किया हाईकोर्ट में जस्टिस देबांगशु बसक और जस्टिस मो. शब्बार राशिदी की बेंच के सामने CBI के वकील ने बंगाल सरकार के याचिका दाखिल करने के अधिकार का विरोध किया। CBI के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने कहा कि बंगाल सरकार के पास याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी CBI थी, एजेंसी के पास ही यह अधिकार है कि वो सजा पर्याप्त न होने के आधार पर याचिका दाखिल करे। CBI ने ट्रायल कोर्ट के सामने भी फांसी की सजा देने की अपील की थी।

बंगाल सरकार बोली- शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस ने की बंगाल सरकार के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन एजेंसी, फैमिली, दोषी के अलावा राज्य भी सजा को लेकर अपील कर सकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोलकाता पुलिस केस की जांच कर रही थी। 13 अगस्त 2024 को यह केस CBI को सौंपा गया।

मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में नहीं सियालदह कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। जस्टिस अनिर्बान दास ने घटना के 164वें दिन सजा पर 160 पेज का फैसला सुनाया था। दास ने फैसले में कहा था कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में नहीं आता इसलिए फांसी नहीं दी गई है। CBI और पीड़ित परिवार ने मौत की सजा मांगी थी।

मौत की सजा क्यों नहीं मिली, दोषी संजय की वकील ने बताया

  • संजय रॉय की वकील सेनजुति चक्रवर्ती ने दैनिक भास्कर को बताया, ‘हमने कोर्ट से डेथ पेनल्टी की सजा सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का ध्यान रखने की दलील रखी थी। डेथ पेनल्टी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है, जिसमें बताया गया है कि किस-किस केस में डेथ पेनल्टी होना चाहिए और किस-किस केस में इससे बचना चाहिए।’
  • ‘सुप्रीम कोर्ट कहता है कि जब किसी व्यक्ति के रिहैबिलिटेशन, करेक्शन यानी सुधरने की संभावना होती है, तो उस वक्त अदालत को डेथ पेनल्टी देने से बचना चाहिए। डेथ पेनल्टी तभी देना चाहिए जब दोषी के सुधरने की कोई संभावना ही ना हो।’
  • ‘यह मामला रेयरेस्ट और रेयर मामला है या नहीं, ये हमने कोर्ट के ऊपर ही छोड़ दिया था। आज हमने कोर्ट में दलील दी और कहा कि दोषी के सुधार की संभावना है और इस केस में ऐसा कोई सबूत नहीं आया कि दोषी को डेथ पेनल्टी दी जाए।’
  • ‘सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन यह भी कहती है कि कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मामले में जो भी सबूत आए हैं, उसके अलावा भी कुछ चीजें कोर्ट तक न पहुंच पाती हैं या किसी कारण से कुछ तथ्य छूट जाते हैं। ऐसे में किसी को डेथ पेनल्टी देने से बचा जाता है।’

पीड़ित की फैमिली हाथ जोड़कर बोली- मुआवजा नहीं चाहिए

जज ने कहा कि पीड़ित की मौत ड्यूटी के दौरान अस्पताल में हुई थी। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पीड़ित की फैमिली को मुआवजा दे। कोर्ट ने डॉक्टर की मौत के लिए 10 लाख और रेप के लिए 7 लाख मुआवजा तय किया। कोर्ट में मौजूद ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने हाथ जोड़कर कहा कि हमें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए।

इस पर जज ने कहा- मैंने कानून के मुताबिक यह मुआवजा तय किया है। आप इसका इस्तेमाल चाहे जैसे कर सकते हैं। इस रकम को अपनी बेटी के रेप और मर्डर के मुआवजे के तौर पर मत देखिए।

पीड़ित के पेरेंट्स ने कहा था- फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे

इससे पहले, ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने कहा था कि वे दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के सेशन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच ठीक से नहीं हुई है। कई लोगों को बचाया गया है। सेशन कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलने के बाद हम हाईकोर्ट जाएंगे। ​​​​​​

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

उच्च शिक्षित महिला कूदी चुनावी मैदान में ,साकेत नगर वार्ड से विभा यादव ने भरा पर्चा,भाजपा ने विभा को बनाया है प्रत्याशी

Acn18. Com.नगर निगम कोरबा के हृदय स्थल पर सर्वाधिक चर्चित वार्ड है साकेत नगर। वार्ड क्रमांक तीन साकेत नगर...

More Articles Like This

- Advertisement -