Acn18.com/आज हनुमान जयंती है। अयोध्या में राम मंदिर का काम आधा हो चुका, 2024 यानी अगले साल मंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा, लेकिन प्रभु राम के भक्त हनुमान के जन्मस्थान पर विवाद अब तक नहीं सुलझ पाया है।
दक्षिण के दो राज्य कर्नाटक और आंध्र प्रदेश अपने यहां हनुमान का जन्म होने का दावा करते हैं। इस लड़ाई में एक तरफ आंध्र का तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम यानी TTD है, तो दूसरी तरफ कर्नाटक के किष्किंधा का श्री आंजनेय जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट।
कर्नाटक का दावा है कि हंपी से करीब 25 किमी दूर अनेगुंडी गांव ही किष्किंधा नगरी है और यहीं पवनपुत्र जन्मे थे। वहीं, TTD कह रहा है कि तिरुमाला की 7 पहाड़ियों में से एक पर हनुमान जी का जन्म हुआ। हालांकि, वह इससे इनकार नहीं करता कि अनेगुंडी गांव ही किष्किंधा है।
TTD ने तिरुमाला की आंजनेय पहाड़ी पर मंदिर में आने वाले भक्तों को फैसिलिटी देने के लिए भूमिपूजन भी कर दिया था, लेकिन कर्नाटक के श्री हनुमान जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गोविंदानंद सरस्वती ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में इस निर्माण कार्य को चुनौती दी। कोर्ट ने पिछले साल इस पर स्टे लगा दिया था, जो अब तक लगा है।
TTD ने जन्मस्थान का पता लगाने कमेटी बनाई, कर्नाटक ने रिपोर्ट खारिज की
2020 में TTD ने 7 सदस्यों की कमेटी बनाई थी, जिसने साबित करने की कोशिश की है कि हनुमान जी का जन्म स्थान तिरुमाला ही है। कमेटी ने जो रिपोर्ट तैयार की है, वह तेलुगू, अंग्रेजी सहित हिंदी में भी पब्लिश हो चुकी है, पर कर्नाटक वाले इसे नहीं मानते। हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर उनके तर्क और प्रमाण अलग हैं।
एक साल पहले दैनिक भास्कर की टीम दोनों ही राज्यों में उन जगहों तक पहुंची थी, जहां हनुमान जन्म स्थान होने का दावा किया जा रहा है। हमने 3 हजार किमी से ज्यादा की यात्रा की। दोनों जगहों के एक्सपर्ट्स से बात की, नेचुरल एविडेंस देखे।
इन दोनों जगहों के एक्सपर्ट्स के अलावा राम जी के वनगमन स्थलों को एक सूत्र में पिरोने वाले रिसर्चर डॉ. राम अवतार से भी बात की और इसके बाद यह रिपोर्ट लिखी। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर दोबारा ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट पब्लिश कर रहे हैं।