Acn18.com कोरियाl कोरिया जिले में खिलाड़ियों के लिए बनाए जा रहे इनडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम का काम का खटाई में पड़ गया है। वजह यह है कि स्टेडियम निर्माण के लिए जिस व्यक्ति ने जमीन दान दी थी उसने ही कोर्ट में टांग अड़ा दी और स्टे ले लिया। इस काम को करने वाली एजेंसी छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि मौजूदा स्थिति में हमने फाइल क्लोज कर दी है। अगली स्थिति के आधार पर फिर से टेंडर करने के साथ काम किया जा सकेगा।
कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुंठपुर में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सामने इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम का प्रस्ताव पिछले वर्षों में आया था जिस पर आगे की कार्रवाई की गई। इस अच्छे काम के लिए यहां के एक व्यक्ति ने अपनी जमीन दान में दी। जमीन धान की घोषणा एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार की गई। यह काम अच्छा था इसलिए स्थानी लोगों ने इसका स्वागत किया लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि इस परियोजना का भविष्य का होने वाला है। 3 करोड़ 14 लख रुपए के लागत से तैयार होने वाले इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम के लिए जनवरी 2023 डेडलाइन तय की गई थी। 6 महीने में बहुत ज्यादा काम नहीं हो सका और जमीन दानदाता ने अपने पक्ष में कोर्ट से स्टे प्राप्त कर लिया। इसके चलते इस काम को रोक देना पड़ा। नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में जिला भाजपा कोरिया के उपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि जमीन दान देने के बाद उसे वापस लेने वाले लोग बहुत कम देखे हैं। पूरा मामला व्यापक जनहित से जुड़ा हुआ है इसलिए इस बारे में पुनर्विचार करने की जरूरत है। दूसरी और छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के कार्यपालन अभियंता प्रफुल्ल चौरे बताते हैं कि पिछले टेंडर के आधार पर स्पोर्ट्स स्टेडियम का काम किया जा रहा था लेकिन वर्तमान में वैधानिक स्थिति के कारण फाइल क्लोज करते हुए काम रोक दिया गया है। भविष्य में जब कभी यथा स्थिति बनेगी तब रिटेंडर करने के साथ काम शुरू किया जा सकेगा।
राज्यों के पुनर्गठन के समय मध्य प्रदेश में सरगुजा जिला अस्तित्व में आया था, लंबे समय तक कोरिया उसी में शामिल रहा। 25 मी 1998 को मध्य प्रदेश सरकार ने जिला पुनर्गठन की नीति के अंतर्गत कोरिया को स्वतंत्र जिला बनाया, तब से इस जिले में खेल संसाधनों की बढ़ोतरी को लेकर काफी उम्मीद लगाई जा रही थी। 3 करोड़ 14 लख रुपए की लागत से इंदौर स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण करने की परियोजना इसी का एक हिस्सा रही। जिले के खिलाड़ियों को लग रहा था कि उन्हें आने वाले दिनों में एक अच्छी सुविधा जिला मुख्यालय में प्राप्त हो सकेगी लेकिन फिलहाल इस पर ओस पड़ गई है।