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प्री-मानसून की बारिश का बढ़ा दायरा:रायपुर, बिलासपुर, बस्तर सहित प्रदेश के कई स्थानों पर बरसेंगे बादल; पर नमी के चलते चिपचिपी गर्मी का एहसास

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ACN18.COM रायपुर /दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी छत्तीसगढ़ की सीमाओं से दूर है, लेकिन स्थानीय प्रभावों की वजह से मानसून से पहले की बरसात का क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। बुधवार को प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा की संभावना जताई जा रही है। एक-दो स्थानों पर भारी बरसात की चेतावनी भी है।

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रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक एक पूरब-पश्चिम द्रोणिका पूर्वी उत्तर प्रदेश से मणिपुर तक स्थित है। एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश से दक्षिण छत्तीसगढ़ तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इस स्थानीय मौसमी तंत्र के प्रभाव से 15 जून को प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना बन रही है। इस दौरान बादलों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने तथा अंधड़ चलने की भी संभावना है।

मंगलवार शाम से ही रायपुर के आसमान पर बादलों का डेरा है। मौसम विभाग के उपग्रह चित्रों से पता चला है कि उत्तर से दक्षिण तक पूरे प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। बिलासपुर और सरगुजा संभाग के ऊपर बादलों की सघनता अधिक दिख रही है। संभावना है कि इन्हीं बादलों से बुधवार को अनेक स्थानों पर बरसात होगी। रायपुर में भी शाम अथवा रात तक सामान्य बरसात की संभावना बताई जा रही है। बिलासपुर संभाग के कई जिलों और बस्तर संभाग में भी बरसात होगी।

किसानों को भी बरसात का इंतजार है।
किसानों को भी बरसात का इंतजार है।

मंगलवार को भी हुई थी बरसात

मंगलवार को भी प्रदेश के कई जिलों में बरसात हुई है। सबसे अधिक 6 मिलीमीटर बरसात पथरिया में दर्ज हुई। कोण्डागांव में 3 और चांपा सहित कुछ स्थानों पर एक मिलीमीटर अथवा उससे कम बरसात हुई। बस्तर, नारायणपुर, कोण्डागांव, धमतरी, कबीरधाम, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, कोरिया, जशपुर और सरगुजा में भी बरसात दर्ज हुई।

मानचित्र में नीली रेखाओं से मानसून की वास्तविक स्थिति दिखाई गई है।
मानचित्र में नीली रेखाओं से मानसून की वास्तविक स्थिति दिखाई गई है।

मानसून अभी आंध्र-तेलंगाना की दक्षिणी सीमा पर ही

दक्षिण-पश्चिम मानसून कल तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की दक्षिणी सीमाओं पर ही रुका हुआ था। वहीं उसकी पश्चिमी शाखा गुजरात में पहुंच चुकी है। उसके बुधवार को मध्य प्रदेश में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह से पश्चिम की ओर से छत्तीसगढ़ में आ रही हवा अपेक्षाकृत ठंडी और नमी युक्त हो गई है। ऐसे में यहां बरसात की संभावना बढ़ गई है। नमी की वजह से उमस वाली चिपचिपी गर्मी भी पड़ने लगी है।

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