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रायपुर में बैरिकेड तोड़ बिजली दफ्तर के अंदर घुसे भाजपाई:बिल में बढ़ोतरी का विरोध, मेन गेट तोड़ा; पूर्व मंत्री मूणत बोले-ये जनता का गुस्सा..देखिए वीडियो

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acn18.com रायपुर/मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रायपुर के गुढ़ियारी स्थित बिजली दफ्तर का घेराव किया। पूर्व मंत्री राजेश मूणत की अगुवाई में भारतीय जनता युवा मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता बिजली दफ्तर पहुंचे। बिजली दफ्तर पर मौजूद पुलिस फोर्स इन कार्यकर्ताओं को रोक न सकी, बैरिकेड तोड़कर तमाम कार्यकर्ता बिजली दफ्तर के भीतर दाखिल हो गए।

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पूर्व मंत्री राजेश मूणत के अगुवाई में रैली निकालकर बिजली दफ्तर पहुंचे भाजपाई।
पूर्व मंत्री राजेश मूणत के अगुवाई में रैली निकालकर बिजली दफ्तर पहुंचे भाजपाई।

पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि यह जनता का गुस्सा है। बढ़ते बिजली बिल और सुरक्षा निधि के नाम पर की जा रही वसूली की वजह से यह विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है । जल्द ही इस संबंध में राहत नहीं दी गई तो जनता का गुस्सा और फूटेगा।

अंदर का टूटा हुआ गेट
अंदर का टूटा हुआ गेट
मेन गेट ये हाल हो गया है।
मेन गेट ये हाल हो गया है।

बिजली दफ्तर का मेन गेट तोड़ा

नारेबाजी करते हुए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़कर गुढ़ियारी के बिजली दफ्तर में तो घुसे ही। अंदर मौजूद मेन गेट पर भी बड़ी तादाद में कार्यकर्ता चढ़ गए। काफी देर तक गेट पर जोर लगाने के बाद लोहे के गेट को तोड़ दिया। जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों और भाजपा नेताओं के बीच काफी बहस भी देखने को मिली।

बिजली दफ्तर के अंदर गेट में चढ़े भाजपा नेता
बिजली दफ्तर के अंदर गेट में चढ़े भाजपा नेता

वहीं पूर्व मंत्री राजेश मूणत भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ बिजली दफ्तर के भीतर धरने पर बैठ गए हैं। सुरक्षा निधि वापस दिए जाने की मांग को लेकर उन्होंने धरना दे दिया है। अधिकारियों को ज्ञापन देने के बाद पूर्व मंत्री का धरना जारी है।

दफ्तर के अंदर ही धरने पर बैठे पूर्व मंत्री मूणत।
दफ्तर के अंदर ही धरने पर बैठे पूर्व मंत्री मूणत।
बिजली दफ्तर जाने से पहले कार्यकर्ता इस तरह से शरीर में पोस्टर लगाए हुए नजर आए।
बिजली दफ्तर जाने से पहले कार्यकर्ता इस तरह से शरीर में पोस्टर लगाए हुए नजर आए।

प्रदर्शन को लेकर राजेश मूणत ने बताया था कि पूरे प्रदेश में और रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में भी बिजली में मनमानी कटौती हो रही है। जनता बिजली बिल में बढ़ोतरी, सुरक्षा निधि के नाम से अवैध वसूली से परेशान है। इसलिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के बैनर तले ये विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने शहर के सभी मंडलों से मोटरसाइकिल रैली की शक्ल में नेता गुढ़ियारी पहुंचेंगे।

पुलिस से हुई झूमाझटकी।
पुलिस से हुई झूमाझटकी।

4 साल में 4 बाद दाम बढ़े

पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि बिजली बिल हाफ का वायदा कर सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस ने 4 साल में 4 बार बिजली बिल में वृद्धि कर दी। मेंटेनेंस के नाम पर लगातार बिजली में कटौती जारी है, अब सुरक्षा निधि के नाम पर मनमानी वसूली की जा रही है, जिससे आम जनता त्रस्त है। उन्होंने कहा कि बिजली बिल बाटने के काम मे कांग्रेस के नेताओं को लगाया गया है, अस्थायी कनेक्शन के लिए आम जनता ठेकेदारों पर मजबूर है, इतना ही नहीं बिजली कम्पनी में रिश्तेदार मलाई खा रहे हैं।

मंगलवार को सड़कों पर इस तरही की भीड़ थी।
मंगलवार को सड़कों पर इस तरही की भीड़ थी।

पूरे प्रदेश में चल रहा आंदोलन

पूरे प्रदेश में अलग-अलग तारीखों पर भाजपा ने ये विरोध प्रदर्शन बिजली के मुद्दे पर किया है। बस्तर जिले में भी हाल ही में ऐसा विरोध प्रदर्शन हुआ था। युवा मोर्चा के नेताओं ने पिछले सप्ताह किलेपाल विद्युत मंड़ल कार्यालय का घेराव किया था। युवा मोर्चा के सदस्यों ने कोडेनार के बाजार से पैदल यात्रा निकालकर किलेपाल विद्युत मंड़ल कार्यालय पहुंचकर घेराव किया था।

राजनांदगांव जिले में भी भाजपा ने विद्युत विभाग के कार्यालय का घेराव किया था। उन्होंने सुरक्षा निधि के साथ अधिक बिजली बिल लेने पर उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। बीजेपी के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।

जशपुर में बिजली बिल के विरोध में भाजपा ने विद्युत मंडल कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। भाजपा का आरोप था कि बिजली बिल हाफ करने का सब्जबाग दिखाकर बहुमत हासिल करने वाली कांग्रेस अब बिजली उपभोक्ताओं के जेब में डाका डालने पर तुली हुई है।

कांग्रेस ने बताया है नौटंकी

बिजली बिल को लेकर भाजपा के आंदोलन को कांग्रेस ने भाजपा की नई नौटंकी बताया हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आज भी देश की सबसे सस्ती बिजली बिल मिलती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां 400 यूनिट तक बिजली का दाम आधा लगता है। देश भर के भाजपा शासित राज्यों यूपी, एमपी जैसे राज्यो में तो जनता को बमुश्किल 15 घंटे बिजली मिलती है।

कार्यकर्ताओं को रोक न सकी पुलिस।
कार्यकर्ताओं को रोक न सकी पुलिस।

कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूपेश सरकार में 2 बार बिजली के दामों में कटौती की गई है। राज्य में घरेलू बिजली के दामों के साथ उद्योगो की भी बिजली के दामों बढ़ोत्तरी मात्र कुछ पैसो की तब की गयी थी जब मोदी सरकार ने विद्युत निर्माण कंपनी को महंगा, विदेशी कोयला उपयोग का फरमान जारी किया। रमन सरकार ने 15 साल में 14 बार बिजली के दाम बढ़ाया था। जिसमें 5 बार तो वी.सी.ए के नाम पर बिजली के दाम बढ़ाए गए थे।

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