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2 वर्ष में 1600 से ज्यादा जिंदगी मिटा दी विषधरों ने.बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाओं में बढ़ोतरी

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acn18.com कोरबा / बारिश का सीजन शुरू हो गया है इसलिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहद सावधान और सतर्क होने की आवश्यकता है। कारण यह है कि सर्पदंश की घटनाएं इस मौसम में सबसे ज्यादा होती है । याद रखना होगा कि जिले में बीते 2 वर्ष में 1670 जिंदगी केवल सर्प के काटने से हमेशा के लिए मिट गई। सर्प के ज्यादा जहरीले होने और उपचार में विलंब करना भी मौत का बड़ा कारण माना गया है।

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बारिश होने के साथ कई प्रकार के परिवर्तन प्रकृति में होते हैं और इसके चलते इंसानों के सामने कई तरह की चुनौतियां भी पेश आती हैं। जहरीले जीव जंतु बल से बाहर आने के साथ यहां वहां हरकतें करते हैं और ऐसे में अनहोनी की आशंका भी बढ़ जाती है। छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले के तपकरा के बाद सबसे अधिक पैसे मामले के लिए कोरबा जिला चर्चित है। 50 से भी अधिक प्रजाति के सर्प की उपस्थिति इस जिले में पाई गई है। बारिश में होने वाले खतरों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपना काम कर रहा है और लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है। बताया गया कि वर्ष 2022 और 2023 में 1670 के आसपास सर्वप्रथम प्रभावित लोगों की जान चली गई। यह आंकड़ा इस वर्ष कैसे कम हो, इसके लिए हर स्तर पर कोशिश हो रही है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को बताया जा रहा है कि सर्प के द्वारा काटने की घटना होने पर पीड़ित को शीघ्रता से उपचार दिलाने में दिलचस्पी ली जाए। मेडिकल कॉलेज के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है।

लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि वह इस प्रकार की घटना को हल्के से बिल्कुल ना लें और झाड़ फूंक के चक्कर में ना रहे।

सर्पदंश से जुड़ी हुई घटनाओं को लेकर कोरबा जिले ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ और देश के विभिन्न हिस्सों में कई प्रकार की भ्रांतियां प्रचलित हैं और इस पर लोग पता नहीं किन कारणों से विश्वास कर लेते हैं। लोगों के मन में इस प्रकार की धारणा है कि अगर किसी खास जगह पर पीड़ित को पहुंचा दिया जाए तो सीमा रेखा क्रॉस होने के साथ पीड़ित की जान बच जाती है। विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में हुए अनुसंधान के दौरान प्राप्त नतीजे से प्रभावित लोगों को बचाने का काम पहले की तुलना में अब ज्यादा आसान हुआ है। इसके बाद भी खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में सर्प के काटने से संबंधित घटनाओं में लोग अज्ञानता और अंधविश्वास के चक्कर में अस्पताल के बजाय झाड़ू करने वालों के पास पहुंच जाते हैं और बाद में उनके हिस्से आती है केवल नाकामी। इसके लिए लंबे समय तक केवल पछतावा और प्रायश्चित करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता। इसलिए समझदारी इसी में है कि अगर आपके आसपास जहरीले जीव जंतु मौजूद है तो खुद को बचाएं और घटना होने पर सीधे अस्पताल जाएं।

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