छत्तीसगढ़ का अरण्य से घिरा क्षेत्र कांकेर का ग्राम मातवाड़ा इन दोनों एक पालतू कुत्ते के कारण चर्चा में है। रोशन साहू का पालतू कुत्ता डेजी वफादारी की ऐसी मिसाल है जिसके कारनामे सुनकर हर आदमी वाह वाह कह उठना है।
हुआ यूं कि पिछले दिनों रोशन के घर में एक भालू घुस आया। भालू घर के किसी सदस्य पर हमला करता है इससे पहले ही उसे पर पालतू कुत्ते डेजी की नजर पड़ गई। कुत्ता उस समय तक भालू के पीछे पड़ा रहा जब तक वह रोशन के घर की सीमा के बाहर नहीं चला गया।
कुछ दिन पहले भालू से लड़कर अपने मालिक के परिवार की जान बचाने वाले डेजी ने कल और एक और साहसिक कार्य किया । रोशन के घर में एक जहरीला सांप घुस आया परिजन घबरा गए लेकिन डेजी टूट पड़ा सांप पर. वह सांप पर तब तक हमले करता रहा जब तक सांप मर नहीं गया.
गौर तलब है कि आज का मशीनी युग धीरे-धीरे जहां संवेदना शून्य होता जा रहा है, वही पशुओं में पशुता का क्षरण हो रहा है उनमें वह गुण दिखाई देने लगे हैं जो कभी अधिकांश मनुष्यों में हुआ करते थे. पशु अथवा वन्य प्राणी थोड़ा सा प्यार व आहार पाकर अपने पालक के लिए प्राणों की बाजी लगा दिया करते हैं वही मनुष्य शरण देने व लालन पालन करने वाले को ही अपना ग्रास बनाने में परहेज नहीं करता।