Happy New Year 2024: साल 2023 को खत्म होने में अब कुछ ही मिनट बाकि रह गए हैं. भारत में 31 दिसंबर की रात को जैसे ही घड़ी की सुईयां 12 पर पहुंचेगी वैसे ही लोग जश्न मनाकर नए साल का स्वागत करेंगे. दुनिया के कुछ देशों में तो नए साल जश्न शुरू भी हो चुका है तो कुछ देश हमारे कुछ घंटे बाद नए साल का जश्न शुरू करेंगे. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर साल आखिर 1 जनवरी को ही क्यों नए साल का जश्न मनाया जाता है? इसे 12 महीनों में किसी दूसरे दिन और दूसरे महीने में क्यों नहीं मनाया जाता.
दरअसल, आज से करीब 2 हजार साल से भी पहले 45 ईसा पूर्व रोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन हुआ करता था. रोम के तत्कालीन राजा नूमा पोंपिलुस के समय रोमन कैलेंडर में 10 महीने होते थे, साल में 310 दिन और सप्ताह में 8 दिन. कुछ समय बाद नूमा ने कैलेंडर में बदलाव कर दिए और जनवरी को कैलेंडर का पहला महीना माना. इसके बाद राजा जूलियस सीजर ने नई गणनाओं के आधार पर नए कैलेंडर का निर्माण किया.
सीजर ने की थी 1 जनवरी से नए साल के शुरूआत की घोषणा
सीजर ने ही 1 जनवरी से नए साल के शुरूआत की घोषणा की, जिसके बाद 1582 ईस्वी से ग्रेगेरियन कैलेंडर की शुरूआत हुई. धरती 365 दिन 6 घंटे सूर्य की परिक्रमा करती है. ऐसे जब जनवरी और फरवरी माह को जोड़ा गया तो सूर्य की गणना के साथ इसका तालमेल नहीं बैठा इसके बाद खगोलविदों ने इस पर गहन अध्ययन किया. किसी भी कैलेंडर को सूर्य चक्र या चंद्र चक्र की गणना पर आधारित बनाया जाता है. चंद्र चक्र पर बनने वाले कैलेंडर में 354 दिन होते हैं. वहीं, सूर्य चक्र पर बनने वाले कैलेंडर में 365 दिन होते हैं. ग्रिगोरियन कैलेंडर सूर्य चक्र पर आधारित है. आज दुनिया के अधिकतर देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर का ही इस्तेमाल किया जाता है. इस वजह से, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रेड और संचार को सुगम बनाने के लिए भी 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाने का तरीका माना जाता है.
विभिन्न धर्मों के अनुसार नया साल
ईसाई धर्म के प्रसार के साथ ही 1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा आम हो गई. वहीं, सिख धर्म के मान्यताओं के अनुसार बैसाखी वाले दिन को नए साल के रूप में मनाया जाता है, और उसी तरह से हिन्दू धर्म के अनुसार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नव वर्ष से शुरूआत होती है. हिन्दू धर्म के अनुसार, ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के दिन की थी। वहीं, इस्लाम में भी इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाया जाता है.