Acn18.com/छत्तीसगढ़ के बिलासपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 100 साल पुराने पीपल के पेड़ को काटने की तैयारी है, जिसका पर्यावरण प्रेमियों ने विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मंगलवार की रात सामाजिक संगठनों ने पेड़ को बचाने के लिए पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया। वहीं, बुधवार से हस्ताक्षर अभियान चलाकर जनआंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
शहर के सरकंडा में जीवनदायिनी नदी अरपा के किनारे पुराने पीपल का पेड़ है। यह पेड़ अब नगर निगम के स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से अरपा किनारे बनाए जा रहे सड़क की जद में आ गया है। पुल को इस रोड से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसर पीपल के पेड़ को काटने की तैयारी में है। इसकी जानकारी होने पर पर्यावरण प्रेमियों के साथ ही सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
भू-माफियाओं ने मिलकर बदल दिया ड्राइंग-डिजाइन
कहा जा रहा है कि अरपा के दोनों किनारे निर्माणाधीन सड़क का ड्राइंग डिजाइन ही गलत है। ऐसा कुछ जमीन माफियाओं के इशारों पर किया गया है। एक तरफ नदी को दोनों किनारे से 60-60 फीट से ज्यादा घेर कर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ नदी किनारे के कुछ लोगों की जमीन को बचाने के लिए सड़क को संकरा कर दिया गया है। वहीं, सड़क भी टेढ़ा बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ अब पेड़ की बलि चढ़ाकर विकास कार्य करने का दावा किया जा रहा है।
पर्यावरण प्रेमियों ने प्रदर्शन कर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
सोमवार को शहर के पर्यावरण प्रेमियों ने भीषण गर्मी में इस पुराने पीपल के पेड़ को काटने का विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान असीम तिवारी ने कहा कि इस वृक्ष के नीचे शवयात्राएं लेकर निकलने वाले लोग कुछ वक्त के लिए विश्राम करते हैं। इसके साथ ही यहां क्रियाकर्म भी किया जाता है। मृतकों के क्रियाकर्म दशगात्र इत्यादि भी इस वृक्ष के नीचे संपन्न किए जाते हैं। ऐसे पूजनीय और हमारी संस्कृति परंपरा से जुड़े वृक्ष को काटना अपराध होगा। प्रथमेशसविता ने कहा कि भूमंडलीय तापवृद्धि के इस वक्त में आज 45-50 डिग्री के तापमान में इंसानों और पशु पक्षियों का जीवन कठिन होता जा रहा है।
शहरीकरण की वजह से दिनोंदिन हरियाली नष्ट हो रही है। भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इस वक्त ऐसे विशाल बड़े वृक्षों की महत्ता बढ़ जाती है। उन्होंने पीपल पेड़ के नीचे प्रदर्शन के बाद कलेक्ट्रेट और विकास भवन जाकर पेड़ काटने के विरोध में ज्ञापन सौंपा। इस दौरान नंद कश्यप, बी आर कौशिक, सुरेन्द्र वर्मा, असीम तिवारी, योगेश गुप्ता, पवन पांडेय, महमूद हसन रिजवी, महावीर बरगाह, श्रुति देवांगन, संजय पांडेय, सागर तिवारी, अनिल, आशीष जयसवाल, कोमल सिंग, शिवा मिश्रा, भागवत साहू, मनोज सोनी, सहित अन्य मौजूद रहे।
अरपा पुल के पास लगे पुराने पेड़ को बचाने के लिए टीम मानवता, आश्रयनिष्ठा की ओर से मंगलवार की देर शाम हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि पेड़ को बचाने के लिए उन्होंने आंदोलन की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि शहर के धरोहर पुराने पुल को बचाने के बजाए निगम प्रशासन नष्ट करने में लगे हैं। विकास के नाम पर पर्यावरणीय विनाश किया जा रहा है। संगठन की ओर से बुधवार की शाम छह बजे से हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।। इस आंदोलन में शहरवासियों को सहभागी बनने और पेड़ को बचाने की अपील की गई है।
अरपा अर्पण महाभियान समिति के संयोजक श्याम मोहन दुबे ने कहा कि अरपा पुल से लगे दशकों पुराने पीपल के पेड़ को नगर निगम ने सौंदर्यीकरण के नाम पर काटने का निर्णय गलत है, जिस वृक्ष पर लोगों की आस्था है और वहां पूजा अर्चना करते हैं, उसे काटने नहीं दिया जाएगा। अरपा अर्पण महाअभियान “जन आंदोलन “ के पदाधिकारियों ने नगर निगम आयुक्त से मिलकर वृक्ष को जीवन दान प्रदान करने का आग्रह किया गया। लेकिन, उन्होंने विकास के नाम पर पेड़ को काटने की बात कही।