Acn18.com/जमनीपाली दर्री क्षेत्र में सनातन धर्म से जुड़ी माताओं ने भादो मास में हलषष्ठी व्रत रखकर पूजा अर्चना की। उन्होंने संतान के कल्याण और दीर्घायु होने की कामना की। हवन पूजन और आरती के साथ इसे अनुष्ठान का समापन हुआ।
हलषष्ठी को लेकर कई पौराणिक मान्यता प्रचलित है। इसी दिवस को भगवान श्रीकृष्ण के भाई बलदाऊ का जन्म हुआ था। इस नाते भी हलषष्ठी पर्व की अपनी विशेष महत्ता है। दर्री जमनीपाली क्षेत्र में हिन्दू धर्मावलंबियों ने हलषष्ठी व्रत रखा और प्राकृतिक वनस्पतियों का उपयोग करते हुए पूजा अर्चना की। उन्होंने बताया कि अपनी संतान के कल्याण की भावना से यह व्रत जुड़ा हुआ है।
पौराणिक काल से हलषष्ठी व्रत करने की परंपरा बनी हुई है इसका अनुसरण हिंदू समाज कर रहा है। इस व्रत के संदर्भ और प्रासंगिकता पर पुरोहित ने रौशनी डाली।
भादो मास के कृष्ण पक्ष की समाप्ति होने के बाद अगले पक्ष में प्रथम पूज्य भगवान गणेश का उत्सव प्रारंभ होगा जो चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक चलेगा इसके लिए भी कोरबा नगर के साथ-साथ उपनागिरी क्षेत्र में तैयारी शुरू हो गई हैं।