acn18.com कोरबा/केन्द्र सरकार ने श्रम कानूनों को बदलकर चार कोड में बदलने का काम किया है। हालांकि मजदूरों के विरोध के कारण यह लागू नहीं हुआ है। ट्रेड यूनियनों का गठन एक उद्देश्य के साथ किया जाता है। वर्तमान में ट्रेड यूनियन इससे विरक्त होते जा रहे हैं।यह बातें कोयला मजदूर पंचायत महामंत्री विनय कुमार ने प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
प्रेस वार्ता के दौरान श्रमिक नेता विनय कुमार ने बताया कि एचएमएस से संबद्ध कोयला मजदूर पंचायत के केन्द्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भूविस्थापितों और ठेका मजदूरों के हित में लड़ाई लड़ने वाले गजेन्द्र सिंह को दी गई है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया में पांच ही केन्द्रीय मान्यता प्राप्त यूनियन हैं। कोयला खदानों में सेफ्टी के लिए पैरामीटर तय है। सुरक्षा से कोई कंप्रोमाइज नहीं होता। आउटसोर्सिंग कर्मियों को एचपीसी दर पर वेतन दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन इसका पालन नहीं हाँ रहा है। मिनिमम से भी कम मजदूरी का भुगतान हो रहा है। हर एरिया में मजदूर हित व स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी जाएगी। संगठन ने मूल सिद्धांत के तहत काम शुरू किया है।
श्रमिक नेताओं ने कहा,कि मजदूरों के हितों को लेकर उनके द्वारा लगातार काम किया गया है। प्रंबंधन और सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई पिछले लंबे समय से चली आ रही है और आगे भी जारी रहेगी। श्रम कानूनों में बदलाव किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।