Acn18.com/भारत सरकार के द्वारा संरक्षित विशेष जनजाति पहाड़ी कोरवा की स्थिति में विशेष सुधार नहीं हो सका है। शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण लगातार इनके साथ समस्याएं पेश आ रही हैं। पहाड़ी कोरवा परिवार के साथ 2 लोगों ने मिलकर सावा दो लाख की ठगी की है। पीड़ित पक्ष ने कोरबा एसपी से इसकी शिकायत की है और अपने रुपए लौटाने के लिए गुहार लगाई है।
पुलिस कार्यालय परिसर में पीड़ित पक्ष से मीडिया टीम की भेंट हुई। पूछताछ करने पर मालूम चला कि पहाड़ी कोरवा समुदाय से जुड़ा हुआ यह परिवार ठगी का शिकार हुआ है। कोरबा जिले केराकच्छर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बग्धारीडांड रहने वाले भिखू राम की मृत्यु 1 वर्ष पहले हो गई थी। जिस पर सरकार ने प्राकृतिक आपदा में दी जाने वाली चार लाख की सहायता राशि इस परिवार को उपलब्ध कराई थी। मृतक की पत्नी ने बताया कि एक वकील और पुलिस के एक कर्मचारी ने मिलकर सहायता राशि का काफी हिस्सा ले लिया है।
मृतक के भाई जीवन राम ने दूसरों के मुकाबले खुद को शिक्षित किया हुआ है जिसे इस मामले में जानकारी हासिल हुई है। उसने बताया कि भाई की मृत्यु होने पर हम लोगों ने ही तहसील कार्यालय में आवेदन किया था जिसके बाद धनराशि प्राप्त हुई। खाता ट्रांसफर के बहाने एक वकील ने ₹200000 झटक लिए जबकि बाद में एक मौके पर बालको पुलिस के कर्मचारी ने 20000 रुपए हासिल कर लिया अब हमारे खाते में केवल ₹141000 बाकी हैं। हम चाहते हैं कि ठगी की रकम वापस कराई जाए।
संरक्षित जनजातियों से जुड़े लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य लेकर सरकार लगातार काम कर रही हैं । हर स्तर पर उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। वही आठवीं की शिक्षा हासिल करने पर ऐसे लोगों को चतुर्थ श्रेणी पद पर सरकारी नौकरी का लाभ दिया जा रहा है। यह सब प्रयास बताते हैं कि संरक्षित जनजातियों को लेकर सरकार काफी गंभीर है। ऐसी स्थिति में पहाड़ी कोरबा परिवार के साथ की गई ठगी का मामला अपने आप में हैरान करने वाला है । पीड़ित पक्ष के द्वारा मामले की पूरी जानकारी पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाई गई है इसलिए दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी, ऐसी आशा की जा सकती है।