ACN18.COM कोरबा/छत्तीसगढ़ के पूर्व स्कूल शिक्षा और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकिय मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में पुलिस की देखरेख में जंगल कटवाया जा रहा है। आदिवासियों के हितों के दावे करने वाली सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। इस मामले को लेकर आदिवासी वर्ग नाराज है और वह उग्र प्रदर्शन करेगा।
अंबिकापुर जिले के हरिहरपुर में हसदेव अरण्य की रक्षा के लिए जनजाति समाज द्वारा आयोजित रैली में हिस्सा लेने जा रहे केदार कश्यप कटघोरा में रूके थे। स्थानीय विश्राम गृह में मीडिया से उन्होंने चर्चा की। केदार कश्यप ने बताया कि आदिवासियों के द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन में जन प्रतिनिधियों के नाते उनकी भागीदारी होगी। बहुत बड़े वर्ग की आवाज बनने के लिए यह सब किया जा रहा है। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस की देखरेख में हसदेव अरण्य का विनाश करने का काम प्रदेश सरकार कर रही है। जबकि इसी क्षेत्र से होकर एलीफेण्ट कॉरीडोर बनाया जाना है। ऐसे में कई प्रकार के खतरे पैदा होंगे।
केदार कश्यप ने प्रदेश सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ शासन न तो आदिवासियों की बात सून रहा है और न ही उन्हें समझने का प्रयास कर रहा है। जल-जंगल और जमीन पर आधारित आदिवासियों के लिए हसदेव अरण्य मान-सम्मान का विषय बना हुआ है और इसे सरंक्षित करने के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जायेगा।
पूर्व मंत्री ने यह भी बताया कि राजधानी रायपुर का सिलतरा क्षेत्र पूरी तरह से पर्यावरण प्रदूषण के खतरें से घिर गया है और इस पर लगातार संकट बना हुआ है। बड़े हिस्से में दिक्कतें पैदा हो रही है। लोगों की समस्याओं और उनके आपत्तियों से सरकार को कोई लेना-देना नहीं है।
यहां बताना जरूरी होगा कि राजस्थान सरकार को उसके बिजली घरों के संचालन के लिए कोयला की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से कराई जानी प्रस्तावित है। इसके लिए सरगुजा जिले में कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है और इस दिशा में कामकाज शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे को लेकर हर स्तर पर विरोध भी शुरू हो गया है। लिखना होगा कि यह लड़ाई कहां पर जाकर खत्म होती है
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