ACN18.COM कोरबा/ शासकीय मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल मैं सुविधाओं के साथ-साथ संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। फॉरेंसिक मेडिसिन एक्सपर्ट की नियुक्ति सरकार के द्वारा कर दी गई हैं। इससे खास तौर पर पोस्टमार्टम से जुड़े जटिल मामला की गुत्थी समझाने में सहायता मिलेगी और पुलिस की परेशानी कम होगी।
संदिग्ध मौत और नर कंकाल के मामलों में स्थानीय स्तर पर होने वाले पोस्टमार्टम में जब कोई निष्कर्ष नहीं निकलने पर संबंधित हिस्से को अगली जांच के लिए सिम्स बिलासपुर भेजना पड़ता था। वहां पर होने वाली जांच के बाद रिपोर्ट तय हो पाती थी कि मौत की असली वजह आखिर क्या थी। कोरबा स्तर पर इस तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने फॉरेंसिक मेडिसिन एक्सपर्ट के रूप में डॉक्टर भोज की नियुक्ति कर दी है। उन्होंने अपना कामकाज संभाल लिया है। डॉक्टर भोज ने बताया कि पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन के काम में आसानी होगी। इसके लिए टीम जल्द ही बनाई जाएगी। जिन कार्यों के लिए अस्पताल स्टाफ और पुलिस को बिलासपुर के चक्कर लगाने पड़ते थे अब वह काम कोरबा में ही संभव हो सकेगा।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने बताया कि नए डॉक्टर की नियुक्ति कोरबा में की गई है इससे कई प्रकार के जटिल मामलों को सुलझाने में सहायता मिलेगी।
आयुर्विज्ञान संस्थान के रूप में कोरबा को एक इकाई मिल गई है। स्थानीय स्तर पर होने वाले कार्यों से कुल मिलाकर डॉक्टर के साथ-साथ संबंधित पक्षों को भी सुविधा होगी और इससे समय के साथ-साथ धन की भी बचत होगी