हड़ताल पर कर्मचारी, 334 स्टूडेंट्स की लगाई ड्यूटी:स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से मरीज परेशान न हो इसलिए 8 नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स दे रहे सेवाएं

Acn18.com/बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग के नियमित और संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस अव्यवस्था को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के आठ नर्सिंग कॉलेजों के 334 स्टूडेंट्स की ड्यूटी लगाई है। नर्सिंग स्टूडेंट्स बुधवार से जिला अस्पताल के साथ ही सिम्स और जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं दे रहे हैं।

संविदा कर्मियों के साथ ही अब स्वास्थ्य कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने का असर अस्पतालों पर पड़ रहा है। पहले दिन मंगलवार को अस्पतालों में भारी अव्यवस्था की स्थिति बन गई थी। हालांकि, इमरजेंसी में ही मरीजों का इलाज किया जा रहा था। इसके चलते दूर-दराज से जिला अस्पताल और सिम्स पहुंचे मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना पड़ा।

सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अब नहीं होगी दिक्कत
कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से पहले दिन सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थिति ज्यादा खराब थी। इस समस्या को देखते हुए सीएमएचओ डॉ. राजेश शुक्ला ने जिले के आठ नर्सिंग कॉलेजों के 334 स्टूडेंट्स को अस्पतालों में काम करने के लिए बुलाया है, जिसमें 176 महिला और 158 पुरुष स्टूडेंट्स शामिल हैं। स्टूडेंट्स शहर के साथ ही सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम कर रहे हैं, जिसके बाद अब लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगी है।

इन अस्पतालों में भेजे गए नर्सिंग छात्र
सीजी स्कूल ऑफ नर्सिंग ने समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तखतपुर में 44, जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र ने जिला अस्पताल 37, महादेव नर्सिंग कॉलेज ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्हा में 15 छात्र, जन स्वास्थ्य केंद्र गनियारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में 10 स्टाफ, आयुष कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने जिला अस्पताल में 16 छात्र, बिलासा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग ने सिम्स में 138 छात्र-छात्राएं भेजे हैं।

इसी तरह संजीवनी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने सिम्स में 30 छात्रों को सेवा देने के लिए भेजा है। इसके साथ ही आरबी नर्सिंग कॉलेज ने सिम्स में 30 छात्र और मस्तूरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 छात्रों को भेजा है, जिसके बाद स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल होने का दावा किया जा रहा है।