ACN18.COM कोरबा / कोरबा में बुधवार को तमाम सरकारी दफतरों में सन्नाटा पसरा रहा। प्राथमिक स्कूलों में अध्यापन कार्य पूरी तरह ठप रहा है। दरअसल महंगाई भत्ता और सातवे वेतनमान के तहत एरियस की मांग को लेकर जिले के तमाम विभागों के तृतिय वर्ग कर्मचारी हड़ताल पर चले हैं। इस सांकेतिक हड़ताल से कार्यालयीन कार्य पूरी तरह प्रभावित रहा है। कर्मचारी तो दफतर नहीं पहुंचे लेकिन उनके आने से पहले कार्यालयों और उनके कैबिन को अपटूडेट कर पंखा, एसी को चालू कर छोड़ दिया गया। अधिकांश दफतरों में बिजली की बर्बादी की तस्वीर सामने आई।
ये नजारा जिला पंचायत कार्यालय का है। इस कार्यालय में आज अधिकांश विभाग सुने है। अधिकारी टीएल की बैठक में शामिल होने गए है। वहीं तृतिय वर्ग कर्मचारी दो सूत्रिय मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। जो पहले से तय था। ऐसे में इन तमाम कमरों के पंखे, एसी और लाइट किसके इंतजार में चालू छोड़ दिया गया है।
सीईओ के केबिन के बाहर कुर्सी पर रखा ये हाजिरी रजिस्टर है। ये सबूत है कि यहां के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। मगर चतुर्थ कर्मचाराइयों ने उनके स्वागत के लिए कमरों को चमका कर रखा है। मगर ये भूल गए है बेवजह पंखा और एसी चलाने से बिजली बरबाद होता है। सिर्फ सफाईकर्मियों की गलती है। जिम्मेदार अफसरों की भी जवाबदारी है कि वे बिजली बचाकर सरकार को होने वाले नुकसान को रोके।
कुछ यही हालात महिला एवं बाल विकास विभाग के दफतर था। अधिकारी मिटिंग में कर्मचारी हड़ताल पर और लापरवाही की ये तस्वीर। आॅफिस में कुछ महिला कर्मचारियों की मौजूदगी जरूर थी। उनसे पूछे जाने पर उन्होनें कहा कि यहां तो लाइट गोल है। सिस्टम को ठंडा रखने के लिए पंखा चलाया जा रहा हैै। लापरवाही पकड़ी गई तो बहाना तो करना ही पडे़गा। बहरहाल ये पहला मौका नहीं जब सरकारी कार्यालयों में ऐसी तस्वीर सामने आई हो। कई बार लंच के वक्त भी इसी तरह कर्मचारी कुलर, पंखे चालू छोड़ देते हैं। जिससे प्रशासन को काफी नुकसान झेलना पड़ता है। देखना होगा कि सरकार को चूना लगाने का सिलसिला थमता है या नही।
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